झारखंड के विधायकों के लिए दारू-मुर्गा की व्यवस्था पर सियासी घमासान, भाजपा ने बोला बड़ा हमला

Jharkhand Political uproar: झारखंड में पैदा हुए सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को महाराष्ट्र जैसा बड़ा सियासी खेल होने का डर सता रहा है।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-08-31 10:20 IST

विधायकों के साथ बस में सवार हेमंत सोरेन 

Jharkhand Political uproar: नई दिल्ली: झारखंड में पैदा हुए सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को महाराष्ट्र जैसा बड़ा सियासी खेल होने का डर सता रहा है। इसी कारण झारखंड में महागठबंधन के सभी विधायकों को कांग्रेस शासित राज्य छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शिफ्ट कर दिया गया है। रायपुर में महागठबंधन के सभी विधायकों के ठहरने की व्यवस्था मेफेयर रिसॉर्ट में की गई है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के 19, कांग्रेस के 12 और राजद के एक विधायक को इस रिसॉर्ट में ठहराया गया है। 

विधायकों के होटल में पहुंचने से पूर्व छत्तीसगढ़ सरकार की गाड़ी में शराब पहुंचाने का वीडियो वायरल होने के बाद सियासी घमासान मच गया है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने इसे लेकर कांग्रेस और झामुमो पर बड़ा हमला बोला है। रमन सिंह ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि झारखंड के विधायकों को छत्तीसगढ़ में दारू और मुर्गा खिलाया जा रहा है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधा।

होटल में शराब पहुंचाने का वीडियो वायरल 

झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधानसभा की सदस्यता रद्द होने की आशंका पैदा होने से सियासी संकट बढ़ गया है। कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी सरकार घिरी हुई है। दुमका में हुए अंकिता कांड को लेकर भी राज्य का सियासी माहौल गरमाया हुआ है। राज्य में सियासी संकट बढ़ आने के बाद महागठबंधन के सभी विधायकों को छत्तीसगढ़ भेजने का बड़ा फैसला लिया गया। दरअसल महागठबंधन के रणनीतिकारों को इस बात का डर सता रहा है कि झारखंड में भी महाराष्ट्र जैसा कोई बड़ा सियासी खेल हो सकता है। 

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में झारखंड के विधायकों की खातिरदारी की पूरी व्यवस्था की गई है। मंगलवार को सरकारी गाड़ी में शराब की पेटियां होटल पहुंचाने का वीडियो वायरल होने के बाद सियासी घमासान मच गया है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। बघेल ने मंगलवार को मेफेयर रिसॉर्ट जाकर झारखंड के सभी विधायकों से मुलाकात की थी। उन्होंने झारखंड के विधायकों के साथ राज्य के सियासी हालात पर करीब 45 मिनट तक चर्चा की थी।

रमन सिंह ने बोला भूपेश बघेल पर हमला 

अब होटल में शराब पहुंचाने का वीडियो वायरल होने के बाद भाजपा ने बड़ा हमला बोला है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस मुद्दे को लेकर बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि भूपेश जी, कान खोलकर सुन लीजिए छत्तीसगढ़ अय्याशी का अड्डा नहीं है। उन्होंने इस बाबत वीडियो के साथ किए गए अपने ट्वीट में कहा कि राज्य सरकार के पैसे से छत्तीसगढ़ के विधायकों को दारू-मुर्गा खिलाया जा रहा है। 

उन्होंने कहा कि असम और हरियाणा के बाद अब झारखंड के विधायकों का डेरा रायपुर में लगाया गया है। उन्होंने बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि इन अनैतिक कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ की जनता उन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

भाजपा सांसद ने भी कांग्रेस को घेरा 

भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने भी कांग्रेस को घेरा है। उन्होंने कहा कि बहन अंकिता को दुमका में जलाकर मार डाला गया मगर सोरेन परिवार का कोई सदस्य पीड़ित परिवार से मुलाकात करने तक के लिए नहीं पहुंचा। लतरातू डैम पर मांस-भात की पार्टी और रायपुर में दारू और न जाने किन-किन चीजों का दौर चल रहा है।

 उन्होंने कहा कि गरीब सरकार पंच सितारा होटल में मौज कर रही है। झारखंड के सभी जिले सूखे की चपेट में हैं और हेमंत सरकार अपना पेट भरने में जुटी हुई है। उन्होंने वीडियो की चर्चा करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि राज्य की जनता खुद को पूरी तरह ठगा हुआ महसूस कर रही है। झारखंड सरकार को बचाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की मदद ली जा रही है।

मरांडी व बसंत की सदस्यता पर भी खतरा 

छत्तीसगढ़ सरकार की गाड़ी में होटल तक शराब पहुंचाने के मुद्दे पर अभी कांग्रेस या सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। झारखंड में इन दिनों सियासी माहौल काफी गरमाया हुआ है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन की विधायकी पर भी खतरा मंडरा रहा है। बसंत सोरेन के प्रकरण पर सोमवार को चुनाव आयोग में चर्चा हुई थी, लेकिन अभी इस मुद्दे पर कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। 

इस बीच झारखंड विधानसभा के स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी पर लगे दलबदल के आरोपों पर सुनवाई पूरी कर ली है। उन्होंने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। सूत्रों का कहना है कि मरांडी की विधानसभा सदस्यता खत्म की जा सकती है।

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