लखनऊ/नई दिल्ली: बाबरी मस्जिद विध्वंस के बुधवार (6 दिसंबर) को 25 साल पूरे हो रहे हैं। इससे पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को सतर्क रहने और शांति सुनिश्चित करने को कहा है। इसका मकसद देश में किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक तनाव की घटना ना होने देना है।
बाबरी मस्जिद विध्वंस की 25वीं वर्षगांठ से ठीक पहले यानि मंगलवार (5 दिसंबर) को सुप्रीम कोर्ट में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद के स्वामित्व विवाद पर सुनवाई हुई। हालांकि, अगली सुनवाई अब 8 फ़रवरी को होगी लेकिन इस मसले पर सियासत अभी से गरमाने लगी है।
ये भी पढ़ें ...आप चाहे जो सोचें, अयोध्यावासियों में रत्तीभर भी नहीं है सांप्रदायिक बैरभाव
किसी का 'शौर्य दिवस', तो किसी का 'कलंक दिवस'
विध्वंस की 25वीं वर्षगांठ पर एहतियात इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि 6 दिसंबर को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) 'शौर्य दिवस' के रूप में मनाती है, तो वहीं कुछ मुस्लिम संगठन इसे 'कलंक दिवस' के रूप में मनाते हैं।
ये भी पढ़ें ...अयोध्या विवाद: SC में सिब्बल की मांग- 2019 चुनाव के बाद हो सुनवाई
दोनों समुदाय कर सकते हैं प्रदर्शन
गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा है कि यह सलाह शुक्रवार को ही सभी राज्यों के प्रधान सचिवों व पुलिस महानिदेशकों और केंद्रित शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों को जारी की गई। सलाह में कहा गया कि 6 दिसंबर को अयोध्या में विवादित ढांचे के विध्वंस की 25वीं बरसी के मौके पर दोनों समुदायों द्वारा प्रदर्शन किया जा सकता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि प्रशासन अत्यधिक सतर्कता बनाए रखे। साथ ही, गंभीरता को देखते हुए सभी एहतियाती उपायों को प्रयोग में लाए।
ये भी पढ़ें ...अयोध्या मामला: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अगले साल 8 फरवरी तक टली