कश्मीर में पत्थरबाजों के लिए बने थे 300 Whatsapp ग्रुप, ऐसे मिलती थी जानकारी
कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद हो चुकी है। सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की वारदातों पर रोक लगाने के लिए 300 व्हाट्सएप ग्रुप में से 90 फीसदी ग्रुप बैन ।
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद हो चुकी है। इसके बंद होने से सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की वारदातों में कुछ कमी आई है। खबरों के मुताबिक आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई में बाधा पहुंचाने और सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी के लिए युवकों को वाट्सऐप ग्रुप के जरिए भड़काया जाता था। जिसमें लगभग 300 व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया जा रहा था। जिनमें से 90 फीसदी अकाउंट अब बंद हो गए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर सोमवार (24 अप्रैल) को बताया कि 300 व्हाट्सएप ग्रुप में 250 सदस्य होते थे, जिससे पत्थरबाजों को सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की जानकारी मिलती थी। इसी से वह मुठभेड़ स्थल पर इकट्ठा होते थे। जो सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने की कोशिश करते थे। अधिकारी के मुताबिक इनमें से अब 90 फीसदी व्हाट्सएप ग्रुप बंद हो चुके हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि सुरक्षा बलों और प्रशासन के खिलाफ फैल रहीं अफवाहों को बातों के जरिए रोकना चुनौतीपूर्ण काम साबित हो रहा है। घाटी में इंटरनेट सेवा एक माह से बंद है। पिछले तीन सप्ताह इन व्हाट्सएप ग्रुप में 90 फीसदी से अधिक को बंद कर दिया गया है। इंटरनेट सेवाओं को बंद करने की सरकार की नीति, मुठभेड़ों के दौरान पथराव पर रोक लगाने में सकारात्मक नतीजे दिखा रही है।