Mahakumbh 2025: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने CM योगी के इस्तीफे की मांग, बोले- छिपाया सच, लें नैतिक जिम्मेदारी
Mahakumbh 2025: भगदड़ पर शंकराचार्य का विरोध, CM योगी पर सच छिपाने का आरोप, इस्तीफे की मांग;
Mahakumbh 2025: यूपी सरकार ने महाकुंभ 2025 के लिए व्यवस्थाओं के चाक-चौबंद होने का दावा किया था, लेकिन मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ ने इन दावों की पोल खोल दी। इस हादसे से संत समाज में नाराजगी है। बद्रीनाथ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने खुलकर विरोध जताया और सीएम योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने कहा कि इतनी हृदयविदारक घटना को छिपाना गलत था, सीएम को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से हट जाना चाहिए।
सरकार के दावों पर उठाये सवाल
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सरकार ने पहले 42 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी और 100 करोड़ लोगों के लिए व्यवस्थाओं का दावा किया था। लेकिन मौनी अमावस्या पर भगदड़ ने इन दावों की सच्चाई उजागर कर दी। अगर 100 करोड़ की व्यवस्था थी और 40 करोड़ ही आए, तो अव्यवस्था क्यों हुई?
घटना को छिपाने के आरोप
उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम योगी ने इस बड़े हादसे की जानकारी 18 घंटे तक छिपाए रखी। सरकार ने मृतकों की संख्या को लेकर भी सही जानकारी नहीं दी। शंकराचार्य ने कहा कि पहले तो उन्हें लगा कि यह सरकार को बदनाम करने की साजिश है, लेकिन जब खुद सीएम ने 18 घंटे बाद हादसे की पुष्टि की, तब सच्चाई सामने आई।
सीएम योगी को संत मानने से इनकार
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि सीएम योगी कोई संत नहीं हैं। अगर वह संत होते तो इस तरह की दर्दनाक घटना को छिपाते नहीं, बल्कि सामने आकर सच स्वीकार करते। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ को तुरंत इस्तीफा देकर किसी योग्य व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए।
छह जगहों पर मची भगदड़, मृतकों की संख्या पर सवाल
शंकराचार्य के मुताबिक, पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सिर्फ एक जगह नहीं, बल्कि छह स्थानों पर भगदड़ के हालात बने थे। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 लोगों की मौत हुई, लेकिन असलियत में यह संख्या कहीं अधिक हो सकती है। अब तक 49 शवों की पुष्टि हुई है, जिनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और 24 अज्ञात हैं। शंकराचार्य ने उन संतों की भी आलोचना की जो कह रहे हैं कि भगदड़ में मारे गए लोग मोक्ष को प्राप्त हुए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर ऐसा ही है, तो उन संतों को भी गंगा में धक्का देकर मोक्ष दिला देना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि सीसीटीवी फुटेज जारी किए जाएं ताकि सच सबके सामने आ सके।