नई दिल्लीः गुजरात में साल 2002 में हुए दंगे के पीड़ितों की लड़ाई लड़ने से चर्चा में आईं सोशल एक्टिविस्ट तीस्ता सेतलवाड़ का एनजीओ सबरंग ट्रस्ट अब विदेश से चंदा नहीं ले सकेगा। इसकी वजह ये है कि गृह मंत्रालय ने संबरंग ट्रस्ट का विदेशी मुद्रा नियमन कानून (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द कर दिया है। बता दें कि पीएम मोदी के खिलाफ तीस्ता सेतलवाड़ काफी मुखर रही हैं।
क्या लगा है एनजीओ पर आरोप?
-गृह मंत्रालय के अनुसार विदेशी चंदे का इस्तेमाल दूसरे उद्देश्यों के लिए किया जा रहा था।
-सबरंग ट्रस्ट को तीस्ता और उनके पति जावेद आनंद चलाते हैं।
-निरीक्षण के दौरान पाया गया कि चंदे से खाना खाया जाता है, अन्य निजी काम किए जाते हैं।
-गृह मंत्रालय ने पाया कि धनराशि एफसीआरए खाते से ट्रस्टीज को दे दी जाती थी।
गृह मंत्रालय ने और क्या कहा?
-सबरंग ट्रस्ट ने सबरंग कम्यूनिकेशन एंड पब्लिशिंग प्रा. लिमिटेड के लिए 50 लाख खर्च किए।
-इसमें तीस्ता और आनंद निदेशकों, सह संपादकों, प्रिंटर्स और प्रकाशक के तौर पर काम कर रहे हैं।
-ये भी एफसीआरए के प्रावधानों के उलट और प्रतिबंधित पाया गया।
-2.46 लाख रुपए सबरंग ट्रस्ट के घरेलू खाते में भेजकर भी नियमों का उल्लंघन किया।
-करीब 12 लाख रुपए का सीधा भुगतान तीस्ता और आनंद के क्रेडिट कार्डों पर किया गया।