खास नेताओं संग मीटिंग में छलका अखिलेश का दर्द, कहा- नेताजी ने कहां पहुंचा दिया

Update:2016-10-22 00:20 IST

लखनऊः परिवार में कलह से सीएम अखिलेश यादव दुखी हैं। शुक्रवार को अखिलेश का दर्द सपा के कई वरिष्ठ नेताओं के सामने छलक आया। सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं के साथ मीटिंग में अखिलेश ने ये तक कह दिया, "हम कहां पर थे और नेताजी ने हमें कहां पहुंचा दिया।" इस पर नेताओं ने उन्हें सबकुछ ठीक हो जाने का भरोसा दिलाया।

कौन-कौन थे मीटिंग में मौजूद?

सूत्रों के मुताबिक अखिलेश के सरकारी आवास में हुई मीटिंग में सांसद नरेश अग्रवाल, किरनमय नंदा, विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, मंत्री अहमद हसन, शाहिद मंजूर, राजेंद्र चौधरी, कमाल अख्तर, दुर्गाशंकर यादव, अरविंद सिंह गोप, रियाज अहमद, नरेंद्र सिंह वर्मा, ब्रह्माशंकर त्रिपाठी और विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह मौजूद थे।

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क्या बोले अखिलेश?

अखिलेश का दर्द कितना गहरा है, ये इसी से पता चलता है कि उन्होंने इन नेताओं से कहा कि हम नंबर एक पर चल रह थे, लेकिन लगातार विवादों की वजह से पार्टी कहां से कहां पहुंच गई। उन्होंने कहा कि इन सबकी वजह से कार्यकर्ता भ्रम में हैं। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने अमर सिंह पर भी निशाना साधते हुए कहा कि सबकी वजह अंकल हैं।

इस मीटिंग में वैसे अखिलेश ने तीन नवंबर से शुरू होने जा रही समाजवादी रथयात्रा को लेकर भी चर्चा की। बता दें कि अखिलेश ने बीते दिनों मुलायम को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह रथयात्रा पर निकल रहे हैं। रथयात्रा शुरू होने के दो दिन बाद यानी पांच नवंबर को सपा के 25 साल पूरे होने पर बड़ा समारोह है।

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नरेश अग्रवाल ने दिया अलग राह का सुझाव

सूत्रों के मुताबिक वैसे तो मीटिंग में मौजूद सभी नेता अखिलेश की चिंता से सहमत थे, लेकिन सबसे अलग राय पार्टी के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल ने रखी। सूत्रों के मुताबिक नरेश अग्रवाल ने कहा कि और ज्यादा नुकसान न हो, इसके लिए अखिलेश को अलग राह चुन लेनी चाहिए। अखिलेश ने इसके बाद ही रविवार को विधायकों की बैठक बुलाने का फैसला किया।

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कलम घिसने से ऊबने से बचने के लिए बनाया अखिलेश को सीएम

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने 14 अक्टूबर को पार्टी मुख्यालय पर कहा था कि परिवार में चाचा भतीजे में कोई विवाद नहीं है। मुलायम ने कहा था कि जब तीन पीढ़ियों से सपा परिवार में कोई विवाद नहीं हुआ तो फिर अब क्या होगा।

रोज शिवपाल और अखिलेश की बात होती है और आज भी शिवपाल अखिलेश से मिलकर आए है। शिवपाल यादव पार्टी के प्रभारी और सबकुछ हैं। सीएम का चुनाव विधानमंडल दल तय करेगा। इशारा साफ था कि अभी कोई चेहरा नहीं है कोई अखिलेश खुद को चेहरा न समझे। चुनाव उन्हीं के नाम पर लड़ा जाएगा।

मेरे नाम पर मिला था वोट: मुलायम

-मुख्यमंत्री कौन होगा कोई जानता ही नहीं था। मेरे नाम पर चुनाव लड़ा गया था। मेरे नाम पर वोट मिले थे।

-मैंने तो कलम घिसने से ऊबने के नाते अखिलेश को मुख्यमंत्री बनाया था।

गायत्री प्रसाद को सौंपी नई जिम्मेदारी

-मुलायम ने मंत्री गायत्री प्रसाद को निर्विवाद बताया और उन्हें रजत जंयती समारोह का संयोजक बनाया है।

-प्रजापति के मंत्री बनने को समाजवादी पार्टी की सियासत का चमत्कार बताया।

और क्या बोले मुलायम ?

– यूपी की जनता को सपा परिवार पर पूरा विश्वास है। पांच नवंबर को धूमधाम से पार्टी की रजत जंयती मनाएगी।

-मामूली सी पार्टी को सबने मिलकर कहां से कहां तक पहुंचाया है। वक्त आने पर चुनावी रथ, साइकिल और हेलिकॉप्टर सब चलेगा।

-पार्टी स्थापना के 11 महीने के अंदर हमने सरकार बनाई। रक्षामंत्री के तौर में मैंने जो किया लोग आज भी उसे याद करते हैं।

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मैं दुखी हूं लेकिन हारा नहींः अखिलेश

मुलायम के बयान के बाद सीएम अखिलेश ने कहा कि मैं दुखी हूं लेकिन हारा नहीं हूं। परिवार में चल रही कलह के बीच अखिलेश यादव ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स आफ इंडिया को दिए इन्टरव्यू में कहा कि वो अब बिना किसी का इंतजार किए अगले साल होने वाले चुनाव अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं। वो अकेले प्रचार के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

बचपन में मैने खुद रखा था अपना नाम

अखिलेश ने कहा- बचपन में मेरा नाम मुझे खुद रखना पड़ा। किसी ने मुझे नाम नहीं दिया था। अब वो किसी का इंतजार किए चुनाव की शुरुआत भी करेंगे। परिवार की कलह के कारण अगले चुनाव में समाजवादी पार्टी की लगातार कम हो रही संभावनाओं के जवाब में अखिलेश विश्वास के साथ कहते हैं कि वो फिर वापस आएंगे और सीएम बनेंगे। वो अपना जवाब क्रिकेट की भाषा में देते हैं। उनका कहना है कि एक परफेक्ट बल्लेबाज की तरह उनके बल्ले से रन निकलते रहेंगे। मेरा काम मुझे सत्ता में वापस लाएगा।

दूसरी पारी में मौका मिला तो राज्य को नई उंचाईयों पर ले जाऊंगा

हां वो स्वीकार करते हैं कि एक महीने पहले जो हालात थे वो अब नहीं हैं। पारिवारिक कलह ने हालात को बिगाड़ा है। इससे उनके विकास के काम पीछे जाते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन राज्य की जनता मुझ पर विश्वास करती है और मैं उनके विश्वास पर खरा उतरने की पूरी कोशिश कर रहा हूं। मैं हार मानने वालों में से नहीं हूं। लोग मुझ पर अनुभवहीन होने का तोहमत लगाते हैं लेकिन मैंने अपना वेस्ट दिया है, जो अनुभवी लोगों की सरकार यूपी को अब तक नहीं दे सकी है। मैं अपनी दूसरी पारी में राज्य को नई उंचाईयों पर ले जाऊंगा।

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अखिलेश की सौतेली मां रच रहीं साजिश

समाजवादी पार्टी में जारी संघर्ष के बीच एमएलसी उदयवीर सिंह ने आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव की पार्टी और परिवार में तमाम मुश्किलों के पीछे मुलायम की दूसरी पत्नी यानी अखिलेश की सौतेली मां (साधना गुप्‍ता) का हाथ है।

‘मुख्यमंत्री के प्रति निजी ईर्ष्या’

मुलायम को लिखी चिट्ठी में उदयवीर ने ‘मुख्यमंत्री के प्रति निजी ईर्ष्या’ टाइटल के नीचे लिखा है कि 2012 में पार्टी के पक्ष में अच्छे चुनाव नतीजे आए तो पार्टी के जो हितैषी थे, उनका विचार था कि सपा का यह सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन इसलिए हुआ है कि आपके साथ पार्टी के पास युवा, शिक्षित, शालीन और अपराध विरोधी अखिलेश यादव का बेदाग चेहरा भी था।

शिवपाल पर भी लगाए आरोप

अखिलेश जी भी कहते थे कि मुख्यमंत्री नेताजी(मुलायम सिंह) बनेंगे और आप अखिलेश जी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते थे। यह बात आप दोनों के ही बीच की थी लेकिन चर्चा बाहर भी आ गई। इसके बाद से ही अखिलेश के खिलाफ साजिश की शुरुआत होने लगी। अलिखेश की सौतेली मां तो सामने नहीं आईं लेकिन उनका राजनीतिक चेहरा बनकर शिवपाल जी ने पार्टी के तमाम नेताओं से संपर्क कर इस निर्णय को रुकवाने की हर संभव कोशिश की।

महात्‍वाकांक्षी हैं शिवपाल यादव

उदयवीर ने चिट्ठी में लिखा है कि इस पारिवारिक ईर्ष्‍या से ऊर्जा पाकर शिवपाल की महात्‍वाकांक्षा तभी से अखिलेश का पीछा कर रही है। शिवपाल ने कई बार अलिखेश का मजाक उड़ाया। उन्हें लड़का कहा। उत्तर प्रदेश को विदेश बनाना चाहता है, ये एक्सप्रेस वे क्या बनवाएगा, कानून व्यवस्था इसके बस की बात नहीं।

समय के साथ अापकी पत्‍नी, पुत्र व पुत्रवधु और आपके भाई के साथ उनके रिश्तेदार मौकापरस्त नेता और ठेकेदार जुड़ते गए और मुख्यमंत्री जी के खिलाफ षड़यंत्र रचते रहें। आपने मुख्यमंत्री को इन लोगों के दबाव में कई बार अपमानित किया लेकिन उनकी तरफ कभी ध्यान नहीं दिया।

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