डिंपल नहीं लड़ेंगी अब लोकसभा चुनाव, अखिलेश हो सकते हैं कन्नौज से प्रत्याशी

Update: 2018-01-22 07:29 GMT
डिंपल नहीं लड़ेंगी अब लोकसभा चुनाव, अखिलेश हो सकते हैं कन्नौज से प्रत्याशी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी लोकसभा का अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी। उनकी कन्नौज सीट से पार्टी अध्यक्ष खुद प्रत्याशी हो सकते हैं। 'छोटे लोहिया' के नाम से चर्चित समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्र की पुण्यतिथि पर सोमवार (22 जनवरी) को अखिलेश ने खुद इसके संकेत दिए। बाद में इस कार्यक्रम में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे।

सपा के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव मैनपुरी से प्रत्याशी हो सकते हैं। मतलब, वो अगला लोकसभा चुनाव आजमगढ़ सीट से नहीं लड़ेंगे। 2014 लोकसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव ने आजमगढ़ और मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ा था और दोनों जगह जीत दर्ज की। बाद में उन्होंने मैनपुरी सीट छोड़ दी। इसके बाद हुए उपचुनाव में उनके ही परिवार के तेज प्रताप सिंह यादव ने यहां से जीत दर्ज की।

अखिलेश ने अगले लोकसभा चुनाव में किसी भी पार्टी के साथ सीटों के तालमेल और गठबंधन से फिलहाल इंकार किया है। बीजेपी को अगले लोकसभा चुनाव में रोकने के लिए उनसे खासकर बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन के बारे में पूछा गया था, उन्होंने कहा, कि 'अभी इसका सवाल इसलिए नहीं उठता कि चुनाव में अभी देर है।' वैसे, सपा ने अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।

अपराध चरम पर

अखिलेश ने मीडिया से कहा, कि 'प्रदेश में गुंडागर्दी अंतिम पायदान पर है। दिनदहाड़े लोगों की हत्याएं हो रही हैं। कोई भी सुरक्षित नहीं है। राजधानी के चिनहट व काकोरी गांव में डकैती की वारदात सुनकर आश्चर्य होता है। शहर से सटे चिनहट में डकैटी होने से सरकार व पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि कभी शहीदों के लिए मशहूर काकोरी आज डकैती के कारण प्रसिद्ध हो गया है। पुलिस की गोली से मरे बच्चे के परिजन को 50 लाख रुपये योगी सरकार से देने की मांग की।'

गोरखपुर में खिलौने वाली मेट्रो

अखिलेश बोले, 'सुना है कि गोरखपुर वालों के लिए खिलौने वाली मेट्रो शुरू कर रहे हैं। मुझे तो लगता है कि बच्चे कहीं उससे खेलने का काम तो शुरू नहीं कर देंगे।'

मथुरा-आगरा के सभी कामों को रोक दिया

सपा अध्यक्ष ने कहा, कि 'समाजवादी सरकार के सभी कामों को रोक दिया गया। मथुरा और आगरा के लिए हमने 2000 करोड़ रुपये दिए थे। उन सभी कामों को वर्तमान सरकार ने रोक दिया। भजन के लिए बन रहे क्षेत्र को भी नहीं छोड़ा।'

क्रीम व भगवा में फर्क नहीं मालूम

पूर्व सीएम अखिलेश ने कहा, कि 'सरकारी संपत्तियों को भगवा रंग में रंगा जा रहा है। पूछने पर कहते हैं कि यह भगवा रंग नहीं है, यह तो क्रीम कलर है। मुझे तो लगता है कि उनको भगवा तथा क्रीम रंग में फर्क मालूम नहीं है।'

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