लखनऊ: आखिरकार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को बैकफुट पर जाना पड़ा। उन्होंने कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव को सभी विभाग वापस किए जाने का फैसला किया है। ये जानकारी सीएम ऑफिस ने ट्वीट कर दी है। इसके अलावा गायत्री प्रसाद प्रजापति को भी मंत्री पद वापस दिए जाने के मुलायम की घोषणा पर मुहर लगा दी है।
प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी छिनने पर कतरे थे पर
-सोमवार को सीएम अखिलेश ने पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति और राजकिशोर को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया।
-मंगलवार को उन्होंने दीपक सिंघल को चीफ सेक्रेटरी पद से हटाकर राहुल भटनागर को जिम्मेदारी दे दी।
-इसके बाद अखिलेश को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल को ये पद सौंप दिया।
-अखिलेश ने इसके तुरंत बाद अपने चाचा से लोक निर्माण, सिंचाई और सहकारिता जैसे अहम विभाग वापस ले लिए।
-शिवपाल को भूमि विकास एवं जल संसाधन, परती भूमि विकास के साथ समाज कल्याण विभाग का अतिरिक्त कार्यप्रभार जैसे महत्वहीन पद दिए थे।
-खुद उनका पसंदीदा लोक निर्माण अपने पास रख लिया और सिंचाई विभाग अवधेश प्रसाद को दे दिया।
क्या अखिलेश को वापस मिलेगी कुर्सी?
सूत्रों के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर शिवपाल के विभाग वापस करने का दवाब बनाया। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या अखिलेश यादव को भी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी वापस मिल पाएगी? हालांकि, यह माना जा रहा है कि अखिलेश को टिकट बांटने का अधिकार मिल सकता है। पर ये शिवपाल पर निर्भर करता है कि क्या वो सिर्फ नाम का प्रदेश अध्यक्ष बनना स्वीकार करेंगे? टिकट बांटने का अधिकार छोड़ देंगे?