गाजीपुर: यूपी के दबंग पर्यटन मंत्री ओम प्रकाश सिंह का एक और ऑडियो टेप सामने आया है। इसमें वह कथित तौर पर भदौरा ब्लॉक प्रमुख पद की प्रत्याशी प्रेमशीला के पति रामप्रकाश कुशवाहा को धमकी दे रहे हैं। मंत्री उस पर पत्नी का नाम वापस लेने को दबाव बना रहे हैं। रामप्रकाश इसमें राजनीति छोड़ने की बात कहते हुए सुनाई दे रहे हैं। इससे पहले भी ओम प्रकाश ने वोट के लिए एक बीडीसी सदस्य को धमकाया था। चुनाव आयोग ने इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था।
मंत्री ने नहीं उठाया फोन
newztrack.com ने इस मामले में मंत्री ओम प्रकाश सिंह की प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की। कई बार तो मंत्री ने फोन नहीं उठाया और एक बार उठाकर काट दिया।
मंत्री ओमप्रकाश सिंह की धमकी वाले ऑडियो टेप के मुख्य अंश...
मंत्री का सहायक- हेलो!
रामप्रकाश: हां भइया
मंत्री का सहायक: रामप्रकाश भइया!
रामप्रकाश: हां
मंत्री का सहायक: मंत्री जी बात करेंगे।
मंत्री: रामप्रकाश!
रामप्रकाश: जी भइया, प्रणाम।
मंत्री: प्रणाम तुमसे हमारी कुछ बात हुई थी, कुछ याद है.. नहीं याद है?
रामप्रकाश: जी, भईल रहे
मंत्री: नहीं समझ में आ रहा है, प्यार की भाषा, देखो चंदौली में पता कर लो बड़ा पैसा था, उठा लिया परचा, हमारा संबंध है, साथे घूमे हो, जो नहीं करना चाहिए वही करें हम, बताओ सही सही... तुम्हारा कमिटमेंट होता है, हमारा कमिटमेंट नहीं होता है। बहुत छवि अच्छा ह तोहार... लड़ लेबा... बतावा.. उन्हीं से कह देब.. रमाशंकर से दू मिनट में सब ठीक हो जाई... कोई बात कहने का मतलब नहीं है मेरे... है कि नहीं बताओ
रमाशंकर: आखिर रमाशंकर जीतल रहतन... हम त आपसे पूछले रहलीं
मंत्री: मैं ये कह रहा हूं मेरी बात होगी कि नहीं... मेरी बात आप मानोगे कि नहीं... फिर आज के बाद ख़तम.... फिर दूसरे तरीके से बतियाया जाएगा न... आप प्रमुख बनोगे... और सब दलाल बनता है...हम किसी से पईसा लेते हैं... बहुत बहादुर हो गए हो... बहुत पईसा हो गया है
रमाशंकर: पईसा क बात बा अईजा
मंत्री: मैं बेटी की शादी ..इधर उधर के काम में फंसा हूं और तुम रोज भोज कर रहे हो, मेरे कहने का कोई मतलब नहीं है... मैं सम्मान देने के लिए फोनन कर रहा हूं... अंतिम फोन कर रहा हूं ... रामप्रकाश अबही सत्ता के देखले नईखा... मैं आज तक अहित नहीं सोचा हूं... लेकिन अब सोचूंगा... रामप्रकाश आज के बाद रह नहीं पाओगे... टेप करना हो टेप कर लो .. कोई चीज का सीमा होता है... मैंने कहा बुजुर्ग है... बाप का कहा हुआ है... ये आदमी बचेगा कि नहीं बी बचेगा ... एक बार हो जाने दो... पद रोज होता है... हमके राजनीति ना आवेला का... हामार परिवार ह कि ना
मंत्री: अच्छा इ बताओ मानोगे कि नहीं मानोगे, हमारे प्यार की भाषा का कोई मतलब नहीं है... हम मान रहे हैं तुम बहुत तेज हो गए हो... बहुत पइसा हो गया राम प्रकाश... केतना हो गया है,, पचास लाख, एक करोड़, दो करोड़ एसे ढेर त न होई
राम प्रकाश: पइसा क बात न ह भइया..
मंत्री: मेरे कहने का कोई मतलब नहीं है
रामप्रकाश: तब त हमहने के जिंदगी क कउनो लच्छे न ह, कुल लच्छे खतम हो गईल.
वहीं तुम्हारे बगल में धर्मेंद्र कुशवाहा है, मन कर दिए तो कहा कि न भइया, हम न लड़ब जिला पंचाईत, इस बार लड़ा तो मदद किए कि नहीं... उसे कह दिए कि तुम लड़ा लेना भई तुमसे तुम्हारा कमिटमेंट है. तुमसे एक बात कह रहे हैं तो तुम हमारी बात नहीं सुन रहे हो, एतना घमंड हो गया है. रामप्रकाश @#%&#& दुनिया में पद माने @#$%& होता है, संबंध बहुत बड़ी चीज होती है. समझ रहे हो न
रामप्रकाश: जी
मंत्री: रामप्रकाश, जो नही हुआ है, वो होगा तुम्हारे साथ...
मंत्री: पद तुम्हारे लिए हमसे बड़ा है न... बोलो
रामप्रकाश: नाही
मंत्री: नहीं पद बड़ा है हमसे तुम्हारे लिए
रामप्रकाश: नाही
मंत्री: नाही..नाही मत बोला... हम मन का, रिश्ते का, बात क बहुत धनी हईं ... जिसको कह देता हूं ... मान जाता है... तुम बहुत बहादूर हो का... रंगबाज हउवा का
रामप्रकाश: नाही
मंत्री … जान मार देबा हमार, का करा लेबा हमके … नाही रहे देबा हमके…
राम प्रकाश: अब त गौंव्वो क अदमी कहे लागल हउवन कि तोहके मार के भगा दिहल जाई, तोहके जितावल गयल है परमुखी लड़े खातिर, एके भोट पहिया, लेकिन लड़िहा जरूर
मंत्री : कवन मा@#$%^& तोहसे कहलस ह हो गऊंवा वाला हो
राम प्रकाश: सबही कहत हैं
मंत्री: इ तोहार गऊंवा ह का, गऊंवा के आरी-आरी और बीच में जमीन बा हमार आजो, पता कर लिहे