मेरठ : पहली बार एशियाई खेलों में हिस्सा ले रहे भारत के 15 वर्षीय निशानेबाज विहान शार्दुल ने गुरुवार को ट्रैप स्पर्धा में रजत पदक अपने नाम किया। 2014 में निशानेबाजी में कदम रखने वाले शार्दुल यहां जारी 18वें एशियाई खेलों के फाइनल में केवल एक अंक से स्वर्ण पदक से चूक गए।
शार्दुल फाइनल में 73 अंकों के साथ दूसरा स्थान हासिल किया। इस स्पर्धा का स्वर्ण पदक दक्षिण कोरिया के शिन ह्यूवो को मिला, वहीं कतर के हामद अली अल मारी ने 53 अंकों के साथ कांस्य पदक जीता।
18वें एशियाई गेम्स में मेरठ के निशानेबाजों की सफलता में एक और नाम जुड़ गया है। मेरठ में शिवाया के रहने वाले शार्दूल विहान ने रजत पदक जीतकर एक बार फिर से देश के साथ ही मेरठ का नाम रोशन किया है। डबल ट्रैप के पुरुष वर्ग में 15 वर्षीय शार्दूल ने यह पदक जीता है।
शार्दूल ने साढे आठ साल की उम्र में ही निशानेबाजी की ट्रेनिंग कैलाश प्रकाश स्टेडियम में शुरू की थी। पिछले साल ही दिसंबर में उन्होंने जूनियर और सीनियर नेशनल में एक साथ स्वर्ण पदक जीते थे। पिछले साल नेशनल प्रतियोगिताओं में उनके 4 पदक थे। इसके बाद ही उन्होंने निशानेबाजों की लिस्ट में अपना नाम मजबूती से जोड़ लिया था। 10 साल की उम्र में ही शार्दूल ने नॉर्थ जोन में रजत पदक जीता था। इसके बाद नियमों का हवाला देते हुए उन पर 2 साल का बैन लगा दिया गया था। इस दौरान उनके पिता दीपक विहान ने काफी नाराजगी भी जताई।
दरअसल नियम यह था कि 12 साल की उम्र के पहले कोई हथियार नहीं रख सकता। इसके बाद शार्दूल ने 2 साल इंतजार किया और फिर निशानेबाजी की कड़ी ट्रेनिंग शुरू की। ट्रेनिंग के बाद उन्होंने फिर से जिले से राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में पदक जीते और पिछले साल चार राष्ट्रीय पदक जीतकर उन्होंने अपनी दावेदारी मजबूत की। उसके बाद हुए एशियन गेम्स के ट्रायल प्रतियोगिताओं व अन्य इवेंट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए नेशनल कैंप में जगह बनाया और वहां से एशियन गेम्स के लिए टीम में चुने गए। शार्दुल दयावती मोदी अकादमी में पढ़ रहे हैं।