असम में पहली बार भाजपा का कमल खिलाने में काम आया UP कनेक्शन

Update: 2016-05-20 11:32 GMT

लखनऊ: असम में बीजेपी का कमल कुछ इस तरह खिला कि बाकी पार्टियां मुरझा गईं। वैसे तो, पार्टी को प्रदेश में फर्श से अर्श तक पहुंचाने का श्रेय सर्वानंद सोनवाल को है, लेकिन कमल की इस फसल को खाद पानी यूपी से ही मिला है। दरअसल, असम चुनाव का प्रभार यूपी के पार्टी नेता महेंद्र सिंह के कंधों पर था, जो राजनीतिक चक्रव्यूह रचने के माहिर माने जाते हैं। महेंद्र सिंह पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री और यूपी से एमएलसी हैं। इससे पहले वह हरियाणा, और झारखंड में सहप्रभारी के तौर पर पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभा चुके हैं।

कड़ी थी चुनौती

-8 नवंबर 2014 को महेंद्र सिंह को यह जिम्मेदारी देकर असम भेजा गया तो बीजेपी के पास 5 सीटें और 11.47 फीसदी वोट था।

-उन्हें लक्ष्य दिया गया था कि पार्टी को सत्ता तक पहुंचाना है।

-महेंद्र सिंह ने सबसे पहले पार्टी के सदस्यों की संख्या पर ध्यान दिया।

-पार्टी के पास 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य था, लेकिन महेंद्र सिंह ने 31 लाख सदस्य बना लिए।

शुरू हुई मुहिम

-सदस्यता के बाद संगठन को एक एक बूथ तक पहुंचाया गया।

-पार्टी ने हर ब्लाक पर धरना दिया।

-लगभग हर शाम किसी न किसी ब्लॉक में मशाल जुलूस निकाला।

-हर ब्लाक में सरकारी दफ्तरों का घेराव कर जनता के दिल में जगह बनाई।

-इसके बाद दिसपुर का ऐतिहासिक घेराव किया गया जिसमें तत्कालीन सरकार ने लाठीचार्ज और वाटरकैनन का इस्तेमाल किया।

रचा बूथवार चक्रव्यूह

-हर बूथ की व्यूह रचना में 40 लोग लगाए गये।

-इनमें महिलाओं की टोली अलग से बनाई गयी।

-हर बूथ पर 50 झंडों के बंडल बनाकर झंडा अभियान समिति बनाई गयी।

-इन झंडों की वजह से असम में बीजेपी दिखाई देने लगी।

साइकिल का साथ

-यूपी में तो बीजेपी साइकिल यानी समाजवादी पार्टी को रोकने में जुटी है, लेकिन असम में महेंद्र सिंह ने साइकिल का खूब इस्तेमाल किया।

-साइकिल पर सवार होकर पार्टी मुश्किल से मुश्किल जगह तक पहुंच गई।

-साइकिल यात्रा को पार्टी ने राजनैतिक हथियार बना लिया।

-स्टेज तैयार हो गया तो बड़े नेताओं ने बिगुल फूंक दिया।

-बड़े नेताओं में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हैं।

-अमित शाह, सुषमा स्वराज, राजनाथ सिंह और नितिन गड़करी ने सभाएं कीं।

-पूरी योजना के साथ जमीन तैयार की गई कि कब, कहा, किसकी सभा होनी है।

-इस तरह योजनाबद्ध तरीके से असम में पहली बार कमल खिल उठा।

यूपी मे इम्तिहान

-असम में हुए निकाय चुनावों ने भाजपा के लिए बूस्टर का काम किया।

-अब बीजेपी के सामने बड़ी चुनौती यूपी है।

-बीजेपी का विजन डाक्यूमेंट लिखने में अहम भूमिका निभाने वाले महेंद्र सिंह पर अब बड़ी जिम्मेदारी है।

-यूपी महेंद्र सिंह के राजनीतिक करिअर की बड़ी चढाई साबित होने वाली है।

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