कश्मीर सुंजवां:तीन दिनों में दो हमले,आतंकियों ने गुजारे कई दिन
सुंजवां और श्रीनगर में आर्मी और केंद्रीय सुरक्षा बल के शिविरों पर हमला करने वाले वाले आतंकियों को सुंजवां के ही किसी घर में पनाह मिली हुई थी। हमला करने से पहले आतंकियों ने कई दिन सुंजवां इलाके में गुजारे हैं। आतंकियों के सुंजवां इला
श्रीनगर/ जम्मू/ नईदिल्ली: सुंजवां और श्रीनगर में आर्मी और केंद्रीय सुरक्षा बल के शिविरों पर हमला करने वाले वाले आतंकियों को सुंजवां के ही किसी घर में पनाह मिली हुई थी। हमला करने से पहले आतंकियों ने कई दिन सुंजवां इलाके में गुजारे हैं। आतंकियों के सुंजवां इलाके में ही किसी के घर रुकने होने की आशंका है। इसका पता लगाने के लिए खुफिया तंत्र लगा हुआ है। लेकिन अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर में 3 दिन में दो आतंकी हमलों को अंजाम दिया है।सोमवार को श्रीनगर के सीआरपीएफ कैंप में आतंकियों ने हथियारों के साथ घुसने की कोशिश की। यहां आतंकियों के छिपे होने की आशंका है।खबर के अनुसार फोर्स का एनकाउंटर जारी है। दूसरी तरफ जम्मू के सुंजवां आर्मी कैंप में बीते तीन दिनों से से ऑपरेशन जारी है। इससे पूर्व यहाँ शनिवार तड़के आर्मी कैंप पर आतंकियों ने हमला किया था। इसमें 5 जवान शहीद हो गए और एक सिविलियन की मौत हो गई। रविवार को आर्मी कैंप में टैंक भी भेजे गए थे।
घाटी से मिल रही खबरों के अनुसार जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में आतंकियों ने एक बार फिर सुरक्षाबलों को निशाना बनाया है। सोमवार को श्रीनगर के 23 सीआरपीएफ बटालियान पर आतंकियों ने हमला करने की कोशिश की। जिसे गेट में तैनात संतरी ने मुस्तैदी से नाकाम कर दिया। अब दो आतंकियों का एनकाउंटर जारी है। जिसमें सीआरपीएफ के एक जवान के घायल होने की खबरें आ रही हैं। भारी बर्फबारी के चलते पूरे ऑपरेशन में परेशानी आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक आतंकियों का निशाना केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का कैंप था। यहाँ सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस की एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाया गया। आतंकी पास ही पड़ी एक खाली बिल्डिंग में छिप गए थे। जिसकी पुष्टि उनकी ओर से हुई गोली बारी से हुई।
करन नगर में मुठभेड़ जारी
फिलहाल उसी करन नगर इलाके में आतंकियों से मुठभेड़ जारी है। सुरक्षा के लिहाज से यह एनकाउंटर इसलिए और संवेदनशील हो जाता है क्योंकि आतंकियों ने जिस इमारत को अपने छिपने का ठिकाना बनाया है उसके ठीक पीछे डीआईजी का निवास स्थान है। इस घटना के बाद पूरे शहर में अलर्ट घोषित कर दिया गया और शहर में विभिन्न जगहों पर पुलिस व अर्धसैनिकबलों के जवानों ने हिमपात के बावजूद नाके लगा संदिग्ध तत्वों और वाहनों की जांच पड़ताल भी शुरु कर दी।
शनिवार को हुआ था आतंकी हमला
उल्लेख्य है कि शनिवार की सुबह सेना के कैंप पर आतंकियों ने हमला कर दिया था, जिसका जवानों ने मुहतोड़ जवाब दिया, लेकिन इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए, वहीं एक आम नागरिक को भी अपनी जान गंवानी पड़ी है। जम्मू-कश्मीर में सुंजवां आर्मी कैंप को आतंकियों ने निशाना बनाया था। यह हमला शनिवार सुबह करीब पांच बजे हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ऑपरेशन करीब 51 घंटे चला। जवानों ने चार आतंकियों को मार गिराया। फिलहाल सर्च ऑपरेशन जारी है।
सुंजवां कैंप पहुंची एनआईए टीम, सेना को मिले सबूत देखे
हमले की जांच के लिए एनआईए की 5 मेंबर्स की टीम जम्मू पहुंच गईहै । सेना को आतंकियों से मिले सबूतों की जांच की। इस बीच आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने जम्मू पहुंचकर जायजा लिया। राज्यपाल एनएन वोहरा गृहमंत्री राजनाथ सिंह से दिल्ली जाकर मिले।
अब तक 5 जवान शहीद
आर्मी कैंप क्वार्टर्स में तलाशी के दौरान एक सूबेदार, दो जवानों और एक बुजुर्ग के शव और मिले। अब तक दो सूबेदारों सहित पांच जवान शहीद हो चुके हैं। मृत मिले बुजुर्ग एक जवान के पिता थे। 6 जवानों समेत 12 लोग घायल भी हैं। इनमें लेफ्टिनेंट कर्नल रोहित सोलंकी और मेजर अविजीत सिंह सहित 6 जवान और छह महिलाएं-बच्चे हैं। शनिवार को आर्मी कैंप में घुसे आतंकी सेना की वर्दी में थे। इनके पास से एके-56 राइफल, अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, काफी गोलियां और हथगोले मिले हैं। शनिवार रात से फायरिंग बंद है। हालांकि, अंदर और आतंकी होने की आशंका से सेना ने अभी इनकार नहीं किया है।
पांच शहीदों में दो सूबेदार, एक हवलदार
- सूबेदार मदन लाल चौधरी
- सूबेदार मोहम्मद अशरफ मीर
- हवलदार हबीबुल्लाह कुरैशी
- नायक मंजूर अहमद
- लांस नायक मोहम्मद इकबाल
- लांस नायक मो. इकबाल के पिता (सिविलियन)
जैश-ए-मोहम्मद ने ली जिम्मेदारी
यह हमला आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने करवाया था। सुंजवां आतंकी हमले का मास्टरमाइंड रउफ असगर है। रउफ मौलाना जैश-ए-मोहम्मद का चीफ आतंकी मसूद अजहर का भाई है। फरवरी के पहले हफ्ते में रउफ ने भाई मौलाना मसूद अजहर के साथ हिजबुल के चीफ सैयद सलाउद्दीन से मिला था और 9 फरवरी को आतंकी अफजल गुरु की बरसी के दिन दोनों ने हमले को अंजाम देने के लिए मदद मांगी थी।