CM योगी की कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य सेवाओं पर बड़ा फैसला, जानें और क्या-क्या
लखनऊ: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार (13 जून) को एक और कैबिनेट बैठक की। इस बैठक में प्रदेश में डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए डॉक्टरों की भर्ती को मंजूरी दी गई। ये सभी डॉक्टर सीएचसी- पीएचसी में तैनात किए जायेंगे।
कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया, कि इस बैठक में डॉक्टरों की ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा, कि यह निर्णय क्रांतिकारी है।
स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा आएगा बदलाव
सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि ताजा फैसले से स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव आएगा। प्रदेश में अभी कुल 18,382 डॉक्टर हैं। जबकि कुल 7,348 पद ख़ाली हैं। इसमें 4,598 पद सीएचसी और पीएचसी के खाली हैं। 297 डॉक्टर ही एक हजार में वापस आए जब हमने उम्र बढ़ाई थी। 500 डॉक्टर एमबीबीएस और 500 सौ स्पेशलिस्ट ले रहे हैं जिसमें वॉक-इन-इंटरव्यू किया जा रहा है। इसके लिए तीन सदस्यीय कमिटी बन रही है। इस कमिटी में डायरेक्टर चिकित्सा, प्रमुख सचिव चिकित्सा और एक सदस्य को डायरेक्टर चिकित्सा नामित भी कर सकते हैं। यह पद एक साल के लिए होगा। बेहतर काम होने पर इसकी कार्यावधि दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। इनका वेतन 50,000 से 65,000 तक होगा। शहर से लेकर गांव तक 'ए' से लेकर 'डी' तक का लेवल दिया जाएगा, जिसमें 'ए' लेवल को 50 हजार और 'डी' लेवल को 65 हजार दिया जाएगा।
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स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बनी ट्रांसफर पॉलिसी
प्रवक्ता ने बताया, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ट्रांसफर पॉलिसी बनाई गई है। पहले ट्रांसफर पॉलिसी नहीं थी। इसमें भी 'ए' 16 जिले, 'बी' 29 जिले, 'सी' 19 जिले, 'डी' श्रेणी में 11 जिले लिए गए हैं। इनकी ट्रांसफर टाइमिंग एक फरवरी से 31 मार्च रहेगी। निजी अनुरोध एक फरवरी से 31 मार्च तक किया जा सकेगा। मानव संपदा के नाम से सॉफ्टवेयर हैं, वहां अप्लाई किया जा सकता है। 1 दिसम्बर से 5 दिसंबर तक दूसरी ट्रांसफर टाइमिंग होगी जिनकी सेवा 5 वर्ष के लिए है। वह सी और ड़ी का विकल्प देंगे जो स्पेशलिस्ट के लिए कोई भी पोस्टिंग सिर्फ स्पेशलिस्ट की जगह पर ही भेजा जाएगा। पति-पत्नी को एक जगह गंभीर बीमारी में छूट दी जाएगी। साथ ही, बच्चे इंटर या हाईस्कूल में हैं तो उस पर छूट मिलेगी। 15 जून से 30 जून के लिए एक ट्रांसफर विंडो खोली जाएगी।
यूपी व्यापार सेवा 2017 में संशोधन
उत्तर प्रदेश कर व्यापार सेवा 2017 में संशोधन किया गया है। तृतीय श्रेणी के कर्मचारी के लिए यह संशोधन हुआ है। यह पांचवां संशोधन है।
परियोजनाओं में टाइम-कॉस्ट पर निर्णय
परियोजनाओं में टाइम और कॉस्ट बढ़ने को लेकर भी निर्णय लिया गया है। जिसमें अब डीपीआर को नियमित किया गया। साथ ही, डेट को लेकर आखिरी तारीख के साथ ही कॉस्ट को भी लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी मॉनिटरिंग भी होगी।
इंटेक्स-सैमसंग कर रहे निवेश
प्रदेश से जो लोग छोड़कर चले जाते थे उन्होंने अब निवेश करने का फैसला लिया है। जिसमें इंटेक्स इलेक्ट्रॉनिक 372 करोड़ रुपए निवेश करेगी। जिसकी स्वीकृति प्रदान की गई है। सैमसंग इंडिया को 4,915 करोड़ निवेश करने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इससे 10 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। कैबिनेट की तरफ से मंजूरी दे दी गई है।
आगरा-लखनऊ एक्प्रेसवे के लिए भी
आगरा-लखनऊ एक्प्रेसवे पर टोल लगाने के लिए अनुश्रवण समिति बनाई गई है। जिसमें सभी सुविधा से युक्त एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट की भी व्यवस्था की गई है। यहां इंडस्ट्री को भी विकसित करने की योजना है।