सहारनपुर/मेरठः सोशल मीडिया पर समुदाय विशेष के खिलाफ टिप्पणी के मामले में गिरफ्तार व्यापारी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाए जाने को लेकर माहौल गरमा गया है। हिंदू संगठनों के आह्वान पर शनिवार को नकुड़ कस्बे के बाजार बंद रहे।
हिंदू संगठनों ने व्यापारी पर लगा एनएसए हटाने के लिए तीन दिन का अल्टीमेटम प्रशासन को दिया है। उधर, केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने अपने-अपने अंदाज में सपा सरकार पर निशाना साधा।
व्यापारी पर क्यों लगा एनएसए?
-व्यापारी मयंक मित्तल ने सोशल मीडिया पर समुदाय विशेष के खिलाफ टिप्पणी की थी।
-नकुड़ पुलिस ने मयंक को गिरफ्तार कर जेल भेजा, बाद में उस पर एनएसए लगा दिया गया।
-शनिवार को हिंदू संगठनों के आह्वान पर नकुड़ में बाजार बंद रहे। दवा की दुकानें तक बंद रहीं।
-रामलीला भवन में धरना देकर एनएसए लगाने का विरोध किया गया।
-सांसद हुकुम सिंह ने आरोप लगाया कि ये एकतरफा कार्रवाई है।
-तीन दिन में एनएसए न हटाने पर बड़े आंदोलन का अल्टीमेटम दिया गया है।
हुकुम सिंह ने और क्या कहा?
-कैराना और कांधला गई संतों ने सपा के प्रतिनिधि के तौर पर काम किया।
-कैराना से हिंदुओं के पलायन के दावे पर हुकुम सिंह कायम हैं।
-पलायन करने वाले परिवारों की लिस्ट में और नाम शामिल कर सकते हैं।
-कैराना में साजिश के संतों के आरोपों को भी गलत बताया।
केंद्रीय मंत्री बालियान ने भी साधा निशाना
-मेरठ में संजीव बालियान ने सपा सरकार पर साधा निशाना।
-बालियान ने कहा कि यूपी में हालात बदतर हो गए हैं।
-पुलिस अफसरों की शहादत और खाकी पर हमले का मुद्दा उठाया।
-मंत्री ने कहा कि यूपी में अफसर बिना कमीशन लिए फाइल तक नहीं छूते।
-बकाया गन्ना मूल्य, अवैध खनन और कैराना से पलायन की भी बात कही।
-मंत्री ने कहा कि 2013 के दंगे दुर्भाग्यपूर्ण हैं और शोरगुल जैसी फिल्म सही नहीं है।