लखनऊ: उतर प्रदेश के नगर निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे के मामले में खूब खेल हुआ है। एक तरफ इलाहबाद में महापौर के लिए पहले बसपा से महापौर रह चुकी अभिलाषा नंदी को भाजपा का टिकट मिल गया जब कि झींझक से नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की बहू को टिकट नहीं मिल पाया। अभिलाषा नंदी के पति नंदगोपाल नंदी प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। उधर राष्ट्रपति की बहू ने निर्दल ही ताल ठोक दी है।
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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सगे भतीजे की पत्नी ने कानपुर देहात जिले के झींझक नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी की स्थानीय इकाई से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भरा है। भाजपा ने इस सीट पर एक अन्य महिला को टिकट दिया है। राष्ट्रपति के भतीजे पंकज की पत्नी दीपा कोविंद ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पर्चा भर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है।
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राष्ट्रपति कोविंद के बड़े भाई प्यारे लाल कानपुर देहात के झींझक में रहते हैं। पंकज कोविंद उनके तीन पुत्रों में से एक हैं। इस बारे में भाजपा की कानपुर देहात जिला इकाई के अध्यक्ष राहुलदेव अग्निहोत्री ने कहा 'दीपा कोविंद ने झींझक नगर पालिका अध्यक्ष के लिए चुनाव में टिकट मांगा था। लेकिन पार्टी ने स्थानीय स्तर पर सर्वेक्षण कराया तो उसमें एक अन्य महिला सरोजिनी देवी को जनता ज्यादा पसंद कर रही थी। इसलिए पार्टी ने सरोजिनी को टिकट दिया।’’
उन्होंने कहा 'हमारी पार्टी में परिवारवाद नहीं चलता है।" उन्होंने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के परिवार से किसी ने आज तक चुनाव लड़ा है। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति कोविंद हमारे जिले की शान हैं, हम उनका सम्मान करते हैं। उनके राष्ट्रपति बनने से झींझक का गौरव सम्मान बढ़ा है। हम दीपा कोविंद और उनके परिवार वालों को मना रहे हैं कि वह अपना नामांकन पत्र वापस ले लें। हम उन्हें भाजपा संगठन में सम्मानजनक पद देंगे।'
उधर, पंकज कोविंद ने कहा कि उन्होंने दीपा कोविंद के लिए झींझक नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए भाजपा से टिकट मांगा था। इसके लिये पार्टी की कानपुर देहात जिला इकाई के अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक से भी मुलाकात की थी। ‘‘इस पर अग्निहोत्री ने कहा था कि इलाके से टिकट उसी को मिलेगा, जो पढ़ा लिखा होगा और पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता होगा।’’ उन्होंने कहा कि लेकिन जब टिकट की घोषणा हुई तो हम लोग हैरान हो गए क्योंकि भाजपा ने जिस महिला को टिकट दिया है वह पूर्व में बहुजन समाज पार्टी से जुड़ी थीं और उतनी पढ़ी लिखी नहीं हैं जितनी उनकी पत्नी दीपा कोविंद।
उन्होंने कहा कि दीपा ने एमए तक शिक्षा प्राप्त की है और उनका परिवार शुरू से भाजपा से जुड़ा रहा है। पंकज कोविंद ने कहा 'लेकिन भाजपा नेताओं ने हमारी एक नहीं सुनी और टिकट देने से इंकार कर दिया। तब हमने क्षेत्र की जनता से विचार-विमर्श कर पत्नी दीपा कोविंद को चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया।’’ उन्होंने दावा किया कि झींझक नगर पालिका से उनकी पत्नी दीपा ही चुनाव जीतेंगी। गौरतलब है कि परौख गांव में राष्ट्रपति कोविंद का जन्म हुआ था, लेकिन उनका परिवार झींझक में रहता है। यहां 29 नवंबर को नगर पालिका चुनाव के लिए मत डाले जाएंगे।