वाराणसी: गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को सारनाथ मंदिर परिसर से महासंघ दान धमचक्र यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उनके साथ रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। अपने संबोधन में राजनाथ ने कहा कि अफगानिस्तान के बामियान में भगवान बुद्ध की मूर्ति की तर्ज पर ही कुशीनगर में बुद्ध की प्रतिमा बनाई जाएगी।
अखिल भारतीय भिक्षु संघ की ओर से आयोजित इस समारोह में संघ के प्रमुख डॉ. धमविरयु भी मौजूद थे।
सारनाथ सभी धर्मों की तीर्थस्थली
इस मौके पर अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने कहा, कि वे इस भूमि को नमन करते हैं। सारनाथ सिर्फ बौद्ध अनुयायियों की नहीं बल्कि सभी धर्मों की तीर्थस्थली है। उन्होंने कहा, भगवान बुद्ध के मन में ये बात आयी कि जीवन में सुख सिर्फ धन प्राप्ती से नहीं मिलती। इसी सोच के कारण उन्होंने राज-पाट छोड़कर सन्यासी का जीवन अपनाया।
अम्बेडकर थे 'बाइंडिग ऑफ़ सोर्स'
गृह मंत्री ने कहा, भगवान बुद्ध के बताए रास्ते पर चलकर ही समाज को एक बंधन में पिरोया जा सकता है। भारत की संस्कृति का प्रचार अगर विश्व में हुआ है तो वो बुद्ध की देन है। बाबा साहब अम्बेडकर भी बौद्ध धर्म के अनुयायी थे। अम्बेडकर भी उन्हीं रास्तों पर चलकर देश के सभी वर्ग को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया। राजनाथ ने कहा कि उनके मुताबिक बाबा साहब को 'बाइंडिग ऑफ़ सोर्स' कहा जा सकता है।
बामियान के तर्ज पर बनेगी बुद्ध मूर्ति
राजनाथ सिंह ने कहा कि 2001 में अफगानिस्तान के बामियान में भगवान बुध की मूर्ति तो़ड़ी गई थी। मैं उस समय यूपी का सीएम था मैंने उसी सयम संकल्प लिया था कि यूपी में बामियान से भी बड़ी बुद्ध की मूर्ति कुशीनगर में बनवाउंगा।
राजनाथ ने कहा कि कुशीनगर में बुद्ध की प्रतिमा बनवाने में विश्व की कोई ताकत उन्हें नहीं रोक पाएगी।
बाबा साहब का लंदन आवास बनेगा स्मारक
लंदन में बाबा साहब के आवास को एक बड़े स्मारक के तौर पर विकसित किया जाएगा। वैसे ही दिल्ली में जहां रहकर बाबा साहब ने संविधान का निर्माण किया था वहां भी स्मारक बनाया जाएगा। साथ ही वहां पर एक इंटरनेशन डेवलपमेंट सेंटर भी बनाया जाएगा।
धमचक्र यात्रा प्राप्त करेगी मकसद
राजनाथ सिंह ने कहा, ये धमचक्र यात्रा पूरी तरह से सफल होगी। ये यात्रा अपने उद्देश्यों को प्राप्त करेगी। वसुधैव कुटुम्बकम को अपनाकर ही भगवान बुद्ध के बताए रास्तों को प्राप्त किया जा सकता है।
इस समारोह में मौजूद मनोज सिन्हा ने कहा, कि ये धमचक्र यात्रा बाबा साहब के सोच और सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाएग। सिन्हा ने बताया कि बाबा साहब का काशी से बड़ा लगावा था। उन्होंने उस समय विद्यापीठ विश्वविद्यालय के छात्र संघ सभा में जो बाज कही थी वे देश को नई सामाजिक समरसता प्रदान करती है