नई दिल्लीः नौ हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन चुकाए बिना चले गए शराब कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन ने भारत के हवाले करने से इनकार कर दिया है। इस बारे में ब्रिटेन ने लंदन में भारतीय उच्चायोग को चिट्ठी भेजी है। पासपोर्ट रद्द किए जाने के बाद माल्या को सौंपने की मांग भारत ने ब्रिटेन से की थी।
क्या कहना है ब्रिटेन का?
-ब्रिटेन ने कहा है कि माल्या को अभी भारत के हवाले नहीं किया जा सकता।
-उसने इसके लिए आव्रजन कानूनों का हवाला दिया है।
-ब्रिटिश आव्रजन कानून के मुताबिक वहां रहने पर पासपोर्ट जरूरी नहीं है।
अब क्या करेगी सरकार?
-भारत और ब्रिटेन के बीच प्रत्यर्पण संधि है।
-इस संधि के तहत अब भारत विजय माल्या का प्रत्यर्पण चाहेगा।
-प्रत्यर्पण का मामला लंबा खिंच सकता है।
माल्या को क्यों लाना चाहता है केंद्र?
-माल्या पर बैंकों का करीब 9400 करोड़ रुपए बकाया है।
-साथ ही चेक बाउंस के भी दो मामले उनके खिलाफ हैं।
-ईडी ने तीन बार समन भेजा, माल्या एक बार भी पेश नहीं हुए।
-सुप्रीम कोर्ट ने भी संपत्ति बताने का आदेश दिया था।
माल्या ने क्या प्रस्ताव दिया था?
-विजय माल्या का कहना है कि उन्होंने लोन नहीं लिया था।
-उनका कहना है कि किंगफिशर कंपनी के नाम पर लोन लिया गया।
-बैंकों को इस सितंबर तक करीब 5 हजार करोड़ देने का प्रस्ताव दिया था।
-बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में दिए इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।