सुलगते सहारनपुर से गृह मंत्रालय चिंतित, योगी सरकार से मांगी मामले की रिपोर्ट

Update: 2017-05-25 10:57 GMT
सुलगते सहारनपुर से गृह मंत्रालय चिंतित, योगी सरकार से मांगी मामले की रिपोर्ट

नई दिल्ली: यूपी के सहारनपुर जिले में बीते 10 दिनों से जारी जातीय हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस हिंसा से चिंतित केंद्र सरकार ने यूपी सरकार से पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। गृह मंत्रालय को चिंता है कि यह जातीय हिंसा अन्य राज्यों तक ना फ़ैल जाए।

जानकार मानते हैं कि गृह मंत्रालय राज्य सरकार से पूछ सकती है कि आखिर सहारनपुर में जातीय हिंसा क्यों नहीं थम रही। स्थानीय प्रशासन इस हिंसा को रोक पाने में कहां नाकाम रहा है?

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अन्य जिलों में भी फ़ैल सकती है हिंसा

सूत्रों की मानें तो हिंसा पर आईबी की रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि जातीय हिंसा पश्चिमी यूपी के दूसरे जिलों में भी फैल सकती है। क्योंकि राजनैतिक और धार्मिक गुट इस हिंसा में दोनों पक्षों को उकसाने में लगे हैं।

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योगी सरकार पहले भी भेज चुकी है रिपोर्ट

जिले में जातीय हिंसा के इस मामले में अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही करीब 10 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इस वारदात में अब तक 15 लोग घायल हुए हैं। दरअसल, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती के मंगलवार के शब्बीरपुर दौरे के बाद एक शख्स की मौत मामले में 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराई गई है। यूपी सरकार ने केंद्र को भेजी रिपोर्ट में बताया है कि 23 मई को मायावती की रैली से लौट रहे लोगों पर ठाकुर समुदाय के लोगों ने हमला कर दिया था।

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क्या है मामला?

सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में 5 मई को उस वक्त झड़पें शुरू हुई थीं, जब गांव के कुछ दलित निवासियों ने ठाकुरों की ओर से राजपूत राजा महाराणा प्रताप की जयंती पर एक जुलूस निकालने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद दलित समुदाय के लोगों ने शहर के गांधी उद्यान में 9 मई को एक महापंचायत करने की कोशिश की। इसका मकसद 5 मई की झड़पों में प्रभावित हुए लोगों के लिए मुआवजे और राहत की मांग को लेकर थी। लेकिन जिला प्रशासन ने उन्हें महापंचायत आयोजित करने की अनुमति नहीं दी। इसके कारण दलित समुदाय सड़कों पर उतर गया। इसके बाद हुई हिंसा में दलित प्रदर्शनकारियों ने शहर में कथित तौर पर एक पुलिस चौकी और एक दर्जन से ज्यादा बाइकों को आग के हवाले कर दिया।

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