ब्रिक्स में पाकिस्तान के आतंकवाद पर चर्चा नहीं : चीन

चीन ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की चिंताओं पर अगले सप्ताह होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चर्चा नहीं होगी।

Update: 2017-08-31 13:43 GMT
चीन ने कहा - ब्रिक्स में पाकिस्तान के आतंकवाद पर चर्चा नहीं

बीजिंग : चीन ने गुरुवार को कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर भारत की चिंताओं पर अगले सप्ताह होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चर्चा नहीं होगी।

पहले के कई अवसरों की तरह चीन ने अपने प्रगाढ़ मित्र पाकिस्तान का बचाव किया और उसके आतंकवाद से लड़ने के प्रयासों की प्रशंसा की। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद के विरुद्ध प्रयासों में सबसे आगे है और उसने इसके लिए बलिदान दिया है।

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हुआ ने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान द्वारा किए गए योगदान व बलिदान को मान्यता देनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "हमने पाया है कि जब पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी होने की बात आती है तो भारत की कुछ चिंताएं हैं। मैं नहीं सोचती कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर ब्रिक्स में चर्चा की जानी चाहिए।"

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उन्होंने कहा, "चीन आतंकवाद विरोधी सहयोग को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान व दूसरे देशों के साथ काम करने का इच्छुक है। यह सभी पक्षों के आम हितों को पूरा करता है।" पाकिस्तान से पैदा होने वाला आतंकवाद भारत व चीन के बीच एक विवादास्पद मुद्दा है।

चीन दो बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) प्रमुख मसूद अजहर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयास को रोक चुका है।

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बीते साल भारत में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में चीन ने भारत द्वारा ब्रिक्स घोषणा में आतंकवादी समूह की सूची में जेईएम व लश्कर-ए-तैयबा के नाम शामिल करने के प्रयास का समर्थन नहीं किया था।

गौरतलब है कि डोकलाम विवाद सुलझने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी 3 से 5 सितंबर के बीच ब्रिक्स देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन जाएंगे। इसके बाद वह भी म्यांमार जाएंगे।

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क्या है ब्रिक्स ?

-ब्रिक्स देशों- ब्राजील, रूस, इंडिया, चाइना, साउथ अफ्रीका का एक समूह है।

-इसका गठन साल 2011 में हुआ था।

-इसमें दुनिया की 43% आबादी का प्रतिनिधित्व है।

-इनकी कुल जीडीपी दुनिया की जीडीपी का 23.1% है।

-भारत इस समिट की दो बार मेजबानी कर चुका है।

क्या है उद्देश्य ?

-ब्रिक्स का उद्देश्य आर्थिक और राजनीतिक दबदबे से पश्चिमी देशों के रुतबे को चुनौती देना है।

-ब्रिक्स ने वॉशिंगटन में मौजूद इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड और वर्ल्ड बैंक के मुकाबले अपना खुद का बैंक बनाया है।

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ब्रिक्स का पुराना नाम था ब्रिक

-ब्रिक्स के बारे में सबसे पहले इनवेस्ट बैंक गोल्डमैन सैक के चेयरमैन जिम ओ नील ने 2001 में सोचा था।

-साल 2009 में यह समूह बना।

-तब इसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन थे।

-साल 2010 में इसमें साउथ अफ्रीका शामिल हुआ।

 

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