Cricketer Yashpal sharma : 1983 की विश्व कप जीत के हीरो थे यशपाल शर्मा, मजबूत टीमों के खिलाफ की थी शानदार बल्लेबाजी

Cricketer Yashpal sharma : 66 वर्षीय यशपाल शर्मा ने 1983 का वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने कॅरियर के दौरान भारत की ओर से 37 टेस्ट मैच और 42 वनडे खेले थे।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Sushil Shukla
Update:2021-07-13 12:38 IST

Cricketer Yashpal sharma : 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के सदस्य रहे पूर्व क्रिकेटर यशपाल शर्मा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 66 वर्षीय यशपाल शर्मा ने 1983 का वर्ल्ड कप जीतने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने अपने कॅरियर के दौरान भारत की ओर से 37 टेस्ट मैच और 42 वनडे खेले थे। उनके निधन की खबर पाकर 1983 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के कप्तान कपिल देव भावुक होकर रोने लगे। कपिल देव ने कहा कि 1983 की ऐतिहासिक जीत में यशपाल के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता।

समाचार पत्र में यशपाल शर्मा के साथ छपी दिलीप कुमार की फोटो (फाइल फोटो)

बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि भारतीय सिनेमा जगत के दिग्गज अभिनेता रहे दिलीप कुमार ने यशपाल का कॅरियर बनाने में काफी मदद की थी। इस बात का खुलासा खुद यशपाल शर्मा ने एक इंटरव्यू के दौरान किया था। वे दिलीप कुमार के अभिनय के दीवाने थे। यह अजब संयोग है कि कुछ दिनों पूर्व ही 98 वर्षीय दिलीप कुमार का निधन हुआ और उसके बाद मंगलवार को यशपाल शर्मा ने भी दुनिया से विदा ले ली।

यशपाल शर्मा का क्रिकेट कॅरियर

यशपाल शर्मा का जन्म 11 अगस्त 1954 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। प्रथम श्रेणी के क्रिकेट में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाने के बाद उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 2 अगस्त 1979 को अपना पहला टेस्ट खेला था। हालांकि यशपाल शर्मा का टेस्ट कॅरियर लंबा नहीं चल सका। उनका टेस्ट कॅरियर सिर्फ 4 वर्षों का ही रहा। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 नवंबर 1983 को अपना आखिरी टेस्ट मैच खेला था।

1983 का विश्वकप के दौरान साथी खिलाड़ियों के साथ खुशी मनाते यशपाल शर्मा (फाइल फोटो)

यदि यशपाल शर्मा के कॅरियर की बात की जाए तो उन्होंने 37 टेस्ट मैच खेले और इस दौरान 1606 रन बनाए। इनमें 2 शतक और 9 अर्धशतक शामिल हैं। टेस्ट मैच में उनका सर्वाधिक स्कोर 140 रनों का रहा। यदि यशपाल शर्मा के वनडे कॅरियर को देखा जाए तो उन्होंने 42 वनडे में 883 रन बनाए और इस दौरान चार अर्धशतक जड़े। वनडे में उनका सर्वाधिक स्कोर 89 रहा।

वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार बल्लेबाजी

1983 के विश्व कप को भारत की ऐतिहासिक जीत के लिए याद किया जाता है क्योंकि इस टूर्नामेंट में ही भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने में कामयाबी हासिल की। यशपाल शर्मा को 1983 के वर्ल्ड कप का हीरो माना जाता है। इस विश्व कप के दौरान भारतीय टीम ने वेस्टइंडीज के साथ के खिलाफ जीत के साथ टूर्नामेंट की शुरुआत की थी।

1983 का विश्वकप उठाए यशपाल शर्मा व साथ में अन्य खिलाड़ी (फाइल फोटो)

इस जीत को दिलाने में शर्मा ने सबसे बड़ी भूमिका निभाई थी। जब वे क्रीज पर खेलने के लिए उतरे तो टीम 76 रनों पर 3 विकेट खो चुकी थी मगर जल्द ही टीम का स्कोर 5 विकेट पर 141 रन हो गया। इस मैच के दौरान शर्मा ने 120 गेंदों पर 89 रन की शानदार पारी खेली थी। उन्होंने जोरदार शॉट लगाने के साथ ही विकेटों के बीच अच्छी दौड़ लगाकर कई अच्छे सिंगल भी चुराए थे।

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ भी जीता था दिल

मैच के दौरान शाॅट लगाते क्रिकेटर यशपाल शर्मा (फाइल फोटो)

इस विश्व कप के दौरान यशपाल शर्मा ने ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ भी जोरदार बल्लेबाजी करके क्रिकेट फैंस का दिल जीत लिया था। ऑस्ट्रेलिया की मजबूत टीम के खिलाफ उन्होंने आक्रामक 40 रनों की पारी खेली थी जबकि इंग्लैंड के खिलाफ मुश्किल हालात में उन्होंने 61 रन बनाए थे। 1983 के विश्व कप के दौरान यशपाल शर्मा ने 34.28 की औसत से 240 रन बनाए थे। विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज की मजबूत टीम को हराकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तहलका मचा दिया था। यशपाल शर्मा को 1983 के विश्व कप के हीरो के रूप में याद किया जाता है।

निधन की खबर पर कपिल भावुक

विश्व कप जीतने में यशपाल शर्मा के इस अहम योगदान के कारण ही उनके निधन की खबर पाकर भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव भावुक हो गए। कपिल देव की कप्तानी में ही 1983 में भारत की टीम विश्वकप में ऐतिहासिक जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। एक चैनल से बातचीत के दौरान कपिल देव की आंखों से आंसू निकल आए।

साथी क्रिकेटर यशपाल शर्मा के निधन का समाचार सुनकर भावुक कपिल देव (फोटो साभार सोशल मीडिया)

उन्होंने कहा कि 1983 की जीत में यशपाल शर्मा का योगदान काफी महत्वपूर्ण था। उन्होंने शुरुआती मैच में ही वेस्टइंडीज के खिलाफ जीत दिलाकर भारतीय टीम का हौसला बढ़ाया था। उन्होंने यशपाल शर्मा को बड़ा क्रिकेटर बताते हुए कहा कि भारतीय क्रिकेट के उत्थान में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। भारतीय टीम को बुलंदी पर पहुंचाने में उनका अहम योगदान था और उसके बाद ही भारत ने आईसीसी टूर्नामेंटों में बड़ी जीत हासिल की।

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