साइकिल किसकी? चुनाव आयोग ने मुलायम-अखिलेश से मांगा समर्थन का हलफनामा

Update: 2017-01-05 04:56 GMT

नई दिल्लीः सपा कुनबें में मची घमासान अब चुनाव आयोग के सामने है। चुनाव आयोग ने मुलायम-अखिलेश को नोटिस भेजकर विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों के समर्थन को लेकर हलफनामा दायर करने को कहा है।

सपा में कलह के बीच दोनों गुटों ने चुनाव निशान साइकिल को लेकर चुनाव आयोग में अपने-अपने दावे पेश किए थे। इसी के बाद चुनाव आयोग ने दोनों गुटों को समर्थन का हलफनामा देने के लिए 9 जनवरी तक का समय दिया है। सपा के संस्थापक अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने पिछले सोमवार को निर्वाचन आयोग से मुलाकात की थी और अपना पक्ष रखा था जबकि उनके चचेरे भाई और अखिलेश के समर्थन में खुलकर सामने आए रामगोपाल यादव दूसरे दिन आयोग में गए थे।

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चुनाव चिन्ह पर दोनों पक्षों ने किया दावा

दोनों पक्षों ने चुनाव चिन्ह पर दावे को लेकर अपना अपना पक्ष रखा था लेकिन वो स्टाम्प पेपर पर नहीं था। आयोग ने अब दोनों पक्ष से स्टाम्प पेपर पर अगले सोमवार को हलफनामा देने को कहा है।सीएम अखिलेश यादव ने अपनी ओर से ​विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों की सूची दी है जिस पर उनके हस्ताक्षर हैं। आयोग को दिए गए पत्र में इस गुट ने असली समाजवादी पार्टी होने की अपील की है और मान्यता देने का आग्रह किया है।

सीएम अखिलेश ने किया पत्र का जिक्र

अखिलेश यादव ने पत्र में उन हालात का भी जिक्र किया है जिसके कारण उन्हें अलग होना पडा। उन्होंने इस मामले में पार्टी के संविधान का भी हवाला दिया है। पत्र में कहा गया है कि पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन इसलिए बुलाना पडा क्योंकि अध्यक्ष ने मांग के अनुरूप राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक नहीं बुलाई।पत्र में कहा गया कि पार्टी के 229 में से 195 विधानसभा सदस्य, विधान परिषद के 68 में से 48 ओर लोकसभा के पांच सांसदों में चार उनके साथ है जिन सभी के पत्र पर हस्ताक्षर हैं।

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रामगोपाल ने बैठक बुलाने का किया था आग्रह

पत्र के अनुसार महासचिव रामगोपाल याद ने संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाने का आग्रह किया था जिसे नहीं माना गया। दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव का कहना था कि राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाने का अधिकार सिर्फ अध्यक्ष को है। सम्मेलन एक दिन में नहीं बुलाया जा सकता। इसकी समय सीमा है।

 

 

 

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