नई दिल्ली: अब तक राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता का अभाव हुआ करता था लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा। राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता लाने के लिए केंद्र सरकार चुनावी बॉन्ड ला रही है, जो सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के माध्यम से ही मिल सकेगा। हर राजनीतिक दल को चुनाव आयोग को बताना होगा, कि उसे बांड से कितनी रकम मिली है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के लिए एक खास किस्म के बांड की घोषणा की। लोकसभा में मंगलवार को अरुण जेटली ने कहा, कि 'चुनावी बांड को अंतिम रूप दे दिया गया है। इस व्यवस्था के आरंभ होने से देश में राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की पूरी प्रक्रिया में काफी हद तक पारदर्शिता आएगी। वित्तीय साल 2017-18 के बजट के दौरान जेटली ने चुनावी बांड शुरू करने की घोषणा की थी।'
चुनावी बॉन्ड इस रूप में होंगे मौजूद
दान को लेकर राजनीतिक दलों में पारदर्शिता लाने के लिहाज से इसे सरकार की ओर से बड़ा कदम बताया जा रहा है। चुनावी बॉन्ड 1 हजार, 10 हजार, 1 लाख, 10 लाख और 1 करोड़ रुपए के मूल्य में उपलब्ध होंगे। भारतीय स्टेट बैंक की कुछ चुनिंदा बैंक शाखाओं से ही बॉन्ड खरीदा जा सकेगा। भारतीय नागरिक या देश में काम करने वाली संस्था ही इसे खरीद सकेंगी। बॉन्ड खरीदने के लिए केवाईसी फॉर्म यानी ग्राहक को जानिए भरना होगा। बॉन्ड लेने वाले या किसे दिया जा रहा है इसे जाहिर नहीं किया जाएगा, लेकिन उसके बैंक खाते में इसकी जानकारी रहेगी।
बॉन्ड की समय सीमा महज 15 दिन
चुनावी बॉन्ड की समय सीमा महज 15 दिन के लिए होगी, जिसे राजनीतिक दलों को दान किया जा सकेगा। बॉन्ड्स उन्हीं राजनीतिक दलों को दिया जा सकेगा जो धारा 29A के तहत रजिस्टर्ड होंगे।बॉन्ड की सुविधा ऐसे राजनीतिक दलों को ही मिलेगी जिन्होंने पिछले आम चुनाव या किसी विधानसभा चुनाव में एक प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किया हो। बॉन्ड को खरीद जाने के महज 15 दिनों के अंदर राजनीतिक दलों को केवल अधिकृत बैंक खाते के जरिए भुनाना होगा और बैंक खाता की जानकारी चुनाव आयोग को देनी होगी।
इन महिनों में ख़रीदे जा सकेंगे बॉन्ड
इसे किसी जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर के महीने में 10 दिनों के अंदर खरीदा जा सकेगा। आम चुनाव वाले साल में बॉन्ड खरीदने के लिए 30 दिन अतिरिक्त मिलेगा।