नई दिल्लीः बीएसपी सुप्रीमो मायावती के लिए पत्थर के वे हाथी नई मुसीबत बन सकते हैं, जिन्हें उन्होंने अपने बनवाए स्मारकों में लगवाए थे। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव सहाय एडलॉ ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह देखे कि चुनाव चिन्ह का इस तरह प्रचार करने में जनता का पैसा खर्च करने वाली पार्टियों पर किस तरह रोक लग सकती है।
क्या है मामला?
-स्मारकों में पत्थर के हाथी लगाए जाने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दी गई थी।
-अर्जी में कहा गया था कि बीएसपी का चुनाव चिन्ह हाथी है और ऐसे पत्थर के हाथी मायावती ने स्मारकों में लगवा दिए।
-कहा गया कि स्मारकों को जनता के धन से बनवाया गया और इससे पार्टी के चुनाव चिन्ह का प्रचार किया गया।
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कोर्ट ने क्या कहा?
-कोर्ट ने कहा कि वह इस अर्जी पर कोई फैसला नहीं दे सकता।
-अदालत ने इस मामले को चुनाव आयोग को भेज दिया है।
-चुनाव आयोग से बीएसपी और ऐसी पार्टियों का चुनाव चिन्ह रद्द करने का आग्रह किया है।
-अदालत ने कहा है कि आयोग नई गाइडलाइन बनाए और बीएसपी को नोटिस जारी करे।
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