बागपत: ट्रैकर वास्संज्ञान चौधरी एक और वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। इस बार वह कश्मीर के लद्दाख में स्थित 20,200 फीट ऊंची चोटी 'स्टोक कांगड़ी' पर तिरंगा फहराएंगे। वास्संज्ञान हाल ही में अपनी दो छोटी बहनों के साथ 16300 फीट ऊंचे कंचनजंघा बेस कैंप पर तिरंगा फहराकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। वास्संज्ञान पूर्व कृषि मंत्री सोमपाल शास्त्री के पोते हैं।
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स्टोक कांगड़ी पर फहराएंगे तिरंगा
-वास्संज्ञान कश्मीर के लद्दाख में स्थित 20,200 फीट ऊंची चोटी , स्टोक कांगड़ी, पर तिरंगा फहराने जा रहे हैं।
-अगले महीने की 5 जून को वह इस अत्यंत कठिन और दुर्गम चोटी के लिए रवाना होंगे।
-वास्ससंज्ञान अगर यह अभियान सफलता पूर्वक पूरा करते हैं तो वह वर्ल्ड में सबसे कम उम्र में ऐसा करने वाले ट्रैकर होंगे।
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वास्ससंज्ञान ने क्या कहा
-कंचनजंघा बेस कैंप के मुकाबले 'स्टोक कांगड़ी' ट्रैक में और भी विकट परिस्थितियों का सामना करना होगा।
-20,200 फीट की ऊंचाई के चलते आॅक्सीजन का स्तर और भी कम होगा।
-इसलिए दिल और फेफड़ों को और भी मजबूत बनाना होगा अन्यथा स्थिति जानलेवा तक हो सकती है।
-साथ ही कंचनजंघा की तुलना में यहां तापमान और भी कम होगा और वह माइनस 18 तक जा सकता है।
वास्संज्ञान ने ली है ट्रेनिंग
-स्टोक कांगड़ी की सबसे भयावह परिस्थिति तब आएगी जब वास्संज्ञान को अंतिम 2500 फीट अपने घुटनों पर चलना होगा
-इसमें 75 डिग्री के कोण का सामना करते हुए जमी हुई बर्फ पर चढ़ना पड़ता है।
-यह साधारण ट्रैकर के लिए असंभव और जानलेवा परिस्थिति होती है।
-इसके लिए वास्संज्ञान ने खड़ी दीवार पर चढ़ने की ट्रेनिंग ली है।
-बर्फ काटने की कुल्हाड़ी और जूतों में फिट किए जाने वाले नुकीले क्रैम्पौन्स जैसे तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल करना भी सीखा है।
काैन हैं वास्संज्ञान
-वास्संज्ञान पूर्व कृषि मंत्री सोमपाल शास्त्री का पोते हैं।
-वास्संज्ञान दिल्ली पब्लिक स्कूल सोनीपत में क्लास 7 के स्टूडेंट हैं।
-उनके अनुसार वह इस तरह के कठिनतम अभियान संपूर्ण करते हुए अपने अनुभव और बच्चों के साथ भी बांटना चाहते हैं।
-ताकि वे भी इससे प्रेरणा लेकर अपनी क्षमताओं की ऊंचाईयों को पा सकें।