बिजनौर: एनआईए अफसर तंजील अहमद मर्डर केस में मंगलवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। बरेली जोन के आईजी विजय मीणा ने कहा कि फरार चल रहे मुनीर ने ही रंजिश के चलते तंजील की हत्या की थी। इस मर्डर में रेयान और उसके दोस्त जैनी ने मुनीर का साथ दिया था। आरोपियों ने हत्या से पहले शादी समारोह स्थल की रेकी भी की थी।
रेयान और जैनी अरेस्ट
घटना के पहले बिजनौर पुलिस ने तंजील के भतीजे रेयान और सहसपुर के ही जैनुल उर्फ जैनी को सोमवार को अरेस्ट किया था। दोनों आरोपियों से पूछताछ चल रही है, जबकि पुलिस मुनीर की गिरफ्तारी में लगी हुई है।
पुलिस की कहानी
-घटना के दिन रेयान अपने पिता के साथ शादी समारोह में शामिल होने बंधन गेस्ट हाउस गया था।
-कार्यक्रम के बाद रेयान अपने पिता को घर छोड़कर वापस बस अड्डे पर आया।
-इस दौरान रेयान के साथ उसका साथी जैनी भी था, दोनों ने एक दुकान पर गुटखा खाया।
-थोड़ी देर बाद वहां मुनीर भी पहुंचा और दोनों में बात हुई।
-मुनीर ने बैग से काली शर्ट, 2 पिस्टल और 2 रिवॉल्वर निकाली और वहीं पर तंजील के बाहर निकलने का इंतजार किया।
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-थोड़ी देर बाद तंजील की गाड़ी निकली उनके पीछे उनके भाई की गाड़ी भी थी।
-इसके बाद रेयान और मुनीर ने बाइक से उनका पीछा किया। रेयान गाड़ी चला रहा था जबकि मुनीर बैठा था।
-दोनों ने सहसपुर तक तंजील की गाड़ी का पीछा किया।
-इसके बाद नाले के पास तंजील की गाड़ी को ओवरटेक किया और उस पर गोलियां चला दी।
पुलिस किस आधार पर मुनीर को बता रही आरोपी?
-28 दिसंबर को धामपुर में एक बैंक की वैन से 91 लाख की लूट हुई थी।
-इसको अंजाम मुनीर ने दिया था और कैश वैन के ड्राइवर को 9 एमएम की पिस्तौल से गोली मारी थी।
-मुनीर तंजील का ही पड़ोसी था और तंजील को ये बात पता थी कि मुनीर ने ही धामपुर में लूट की है।
-ये राज कहीं खुल न जाए, इसी के डर से मुनीर ने तंजील को गोलियां मारी।
-तंजील के मर्डर में भी 9 एमएम के कार्टेज का प्रयोग हुआ है।
-इसी को आधार बनाकर पुलिस मुनीर को वारदात का मुख्य आरोपी मान रही है।
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खुलासे के बाद सवालों के घेरे में क्यों है पुलिस?
-पुलिस ने अभी तक वारदात में यूज की गई बाईक और हथियार बरामद नहीं किए।
-मुख्य आरोपी मुनीर के बिना ही पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया।
-वारदात में यूज हुई 9 एमएम की कार्टेज के शक पर पुलिस ने मुनीर को आरोपी बता दिया।
एक आदमी कैसे चला सकता है इतनी गोलियां
- पुलिस की मानें तो हत्या को दो लोगों ने अंजाम दिया, जबकि एक गाड़ी चला रहा था।
-रेयान ने बताया है कि मुनीर अपने साथ दो रिवाल्वर और दो पिस्टल लाया था।
-अब सवाल ये भी है कि एक व्यक्ति इतनी जल्दी 30-40 गोलियां कैसे चला सकता है?
पुलिस ने क्यों नहीं की थी मुनीर से पूछताछ
-मुनीर को पुलिस ने 2013 और 14 में कई संगीन मामलों में 5000 का वांटेड घोषित कर रखा था।
-इसके बावजूद भी मुनीर खुलेआम सहसपुर आता जाता रहा।
-बैंक लूट की वारदात को आज 4 माह से जयादा का वक्त बीत चुका है।
-अब सवाल ये है कि यूपी पुलिस ने मुनीर को पहले ही पकड़कर पूछताछ क्यों नहीं की।
डीजीपी ने 3 दिन पहले कहा था कि नहीं हुई कोई आरेस्टिंग
-डीजीपी ने 3 दिन पहले कहा था कि कोई अरेस्टिंग नहीं हुई है।
-डीजीपी जाविद अहमद ने 3 दिन पहले पीसी की थी और किसी की गिरफ्तारी न होने की बात कही थी।
-जबकि सूत्रों की मानें तो पुलिस ने इन दोनों आरोपियों को हत्या के 4 दिन बाद ही उठा लिया था।
हत्या के बाद भी सहसपुर में घूमता रहा मुनीर कहां थी?
-हत्या के 2 दिनों तक मुनीर सहसपुर में ही बकायदा रह रहा था।
-कहीं न कहीं इस पूरे मामले में मुनीर को पकड़ने में पुलिस ने ढीला रवैया अपनाया
दबाव में तो नहीं हुआ खुलासा?
-घटना के बाद से ही ये मामला हाई प्रोफाइल हो गया था।
-सीएम अखिलेश यादव ने खुद इस मामले को संज्ञान में लेते हुए डीजीपी जावीद अहमद को जल्द खुलासे के लिए कहा था।
-घटना के 10 दिन बाद भी पुलिस मुख्य आरोपी को नहीं पकड़ पाई।
-मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते पुलिस के लिए जल्द खुलासा करना मजबूरी भी थी।
क्या था विवाद?
-दुकान को लेकर भी तंजील और मुनीर का विवाद चल रहा था, इसमे तंजील को फायदा हुआ था।
-तंजील का रिश्तेदार रेयान इससे नाराज था।
-दिल्ली के रंजीतनगर थाने में एक मामले में भी तंजील ने रेयान की मदद करने से इनकार कर दिया था।
-इसके अलावा प्रॉपटी डीलिंग में भी उन्होंने रेयान की मदद नहीं की थी तंजील का मौसेरे भाई के साथ प्रॉपर्टी का विवाद भी था।
मुनीर के खिलाफ लुकआउट नोटिस
-मुनीर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने लुक आउट नोटिस जारी कराया है।
-इसके अलावा उसकी चल-अचल सम्पत्तियों और बैंक खातों की भी जांच शुरू करा दी है।
-एडीजी (कानून-व्यवस्था) दलजीत सिंह चौधरी ने इसकी पुष्टि की है।
डीजीपी ने रखा है 50 हजार का इनाम
-डीजीपी जावीद अहमद ने आरोपी मुनीर का सुराग देने वाले को पुलिस 50 हजार रुपए का इनाम रखा है।
-डीजीपी के बिजनौर दौरे के दौरान पुलिस ने शुक्रवार को यह घोषणा की थी।
-पुलिस मुनीर को एनआईए अफसर की हत्या का मुख्य आरोपी मानती है
-इस मर्डर में करीब 100 लोगों से पूछताछ की जा चुकी है।
-एनआईए अधिकारी के परिजनों ने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) से कराने की मांग की है।
अब विदेश नहीं भाग पाएगा आरोपी
-यह कार्रवाई इसलिए की गई है, ताकि मुनीर देश में कहीं न छिप सके और विदेश भी न भाग सके।
-तंजील मर्डर केस की जांच में शुरुआत से ही बिजनौर पुलिस के अलावा एटीएस व एसटीएफ की टीमें भी जुटी हैं।
-एनआईए भी जांच में यूपी पुलिस को सहयोग कर रही है।
क्या है लुक आउट नोटिस
-लुक आऊट नोटिस एक इंटरनल सर्कुलर की तरह होता है
-इसमें जांच एजेंसी को किसी शख्स के बारे में जैसी जानकारी चाहिए होती है उस हिसाब से जारी किया जाता है इसमें उसे रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक शामिल है।
-लुक आउट नोटिस सीधे एयरपोर्ट इमीग्रेशन विभाग को भेजा जाता है।
-उसमें जिस शख्स को रोका जाना होता है, उसके बारे में जानकारी देते हुए निर्देश दिए जाते हैं।
कुछ ऐसे होते हैं निर्देश
-एयरपोर्ट के भीतर घुसने से रोक दिया जाए, विमान में ना चढ़ने दिया जाए
-शख्स के आने पर सूचना दें। चुपके से जानकारी दें
-हिरासत में ले लें ताकि भागने ना पाए
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क्या था पूरा मामला
-एनआईए के डीएसपी तंजील अहमद की शनिवार रात स्योहारा थाना क्षेत्र के सहसपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
-तंजील अपने परिवार के साथ शादी समारोह में शामिल होने के बाद घर लौट रहे थे।
-पठानकोट हमले की जांच से जुड़े तंजील की हत्या के पीछे आतंकी कनेक्शन का शक भी जताया जा रहा है।
-एनआईए और यूपी पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
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