नई दिल्ली: अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाले में दागी इतालवी कंपनी फिनमेकेनिका के खिलाफ सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। सरकार ने इस कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने का फैसला लिया है। रक्षा उपकरणों की आपूर्ति के लिए कंपनी द्वारा हाल में हासिल सभी टेंडरों को रद किया जा सकता है।
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रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा
-फिनमेकेनिका और उसकी सहयोगी कंपनियों को काली सूची में डालने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर दी गई है।
-इस बारे में कानून मंत्रालय से भी राय मांगी गई है।
-बकौल पर्रिकर, ‘फिनमेकेनिका और उसकी सहयोगी कंपनियों से जहां भी पूंजी खरीद का मामला है।
-उसके लिए सभी आग्रह प्रस्ताव (आरएफपी) खत्म किए जाएंगे।’
-हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि जिन मामलों में अनुबंध हो चुका है, उनके लिए उपकरणों की सालाना मरम्मत और पूर्व में हुए रक्षा आपूर्ति के लिए कंपनी से कलपुर्जे का आयात जारी रहेगा।
ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू
-पर्रिकर का कहना है कि ‘कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
-रक्षा मंत्रालय ने कंपनी के साथ नए सौदों पर पहले ही रोक लगा दिया है।
-जब रक्षा मंत्री से पूछा गया कि उन परियोजनाओं का क्या होगा, जिनमें उपकरणों की आपूर्ति में फिनमेकेनिका की अहम भूमिका है।
- इस पर पर्रिकर का जवाब था, ‘क्या दुनिया में केवल एक ही उत्पाद है? इस तरह के उत्पाद रूसी, अमेरिकी या अन्य देशों की कंपनियों के पास भी होंगे।
-यह दूसरी बात है कि वे थोड़े महंगे हो सकते हैं या उन्हें हासिल करना कठिन हो सकता है।
-मोदी सरकार ने फिनमेकेनिका की सहयोगी कंपनी ‘वास’ से भारतीय नौसेना को 98 टोरपीडो की प्रस्तावित आपूर्ति रद कर दी है।
-संप्रग सरकार के दौरान यह सौदा करीब 1200 करोड़ रुपए में हुआ था।
-इस पर पर्रिकर ने कहा था, ‘हमारे पास बहुत विकल्प हैं।
-बहुत जल्द इसका विकल्प हम हासिल कर लेंगे। इसको लेकर काम हो रहा है।’