विनोद कपूर
लखनऊ: राजनीति में वक्त बदलते देर नहीं लगती। ज्यादा नहीं 7 साल पहले की ही बात थी जब बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 2010 में आई बाढ़ को लेकर गुजरात सरकार की ओर से दी गई पांच करोड़ रुपए की रकम बिहार सरकार ने लौटा दी थी। पीएम नरेंद्र मोदी उस वक्त गुजरात के सीएम थे।
बिहार इस साल फिर बाढ़ से हुई भीषण तबाही का सामना कर रहा है। इस बार भी गुजरात सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए बुधवार (6 सितंबर) को 5 करोड़ रुपए की राशि भेजी है, जिसे बिहार सरकार ने तुरंत स्वीकार कर लिया है।
गंगा में काफी पानी बह चुका है
इन 7 सालों में गंगा में काफी पानी बह चुका है। एनडीए से अलग हुए नीतीश कुमार फिर से वापस आ गए हैं।बिहार में महागठबंधन के बाद फिर से एनडीए की सरकार चल रही है। गुजरात दंगे को लेकर कभी पीएम मोदी राजनीतिक रूप से अछूत मान लिया गया था।
तब खासे नाराज थे नीतीश
बीजेपी ने साल 2010 में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक पटना में की थी। पूरे शहर में नीतीश कुमार और मोदी के गले लगते हुए पोस्टर छा गए थे, जिससे नीतीश कुमार खासे नाराज हुए थे और उन्होंने बीजेपी नेताओं को दिए जाने वाले सरकारी लंच को कैंसिल कर दिया था।
लगे थे तरह-तरह के आरोप
उस वक्त जनतादल यू के नेता शिवानंद तिवारी ने आरोप लगाया था कि पटियाला में हुई रैली में नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी का फोटो जबरदस्ती खिंचवाया गया, जिसका बाद में पटना में दिए बीजेपी के विज्ञापन में इस्तेमाल किया गया।
अब साथ-साथ हैं
गुजरात सरकार की तरफ से बाढ़ राहत में मदद का विज्ञापन पटना के स्थानीय अखबारों में छपवाया गया था। विज्ञापन में नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार को एक-दूसरे से हाथ मिलाते दिखाया गया था। इसके बाद नीतीश कुमार ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी और मदद के बाद वाहवाही लूटने पर नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लिया था। लेकिन अब समय बदल चुका है। नरेंद्र मोदी देश के पीएम हैं तो बिहार में नीतीश कुमार बीजेपी के साथ मिल सरकार चला रहे हैं।