ICC Champions Trophy: चैंपियंस ट्रॉफी को लेकर सस्पेंस बरकरार,पाक की ओर से रखी गई शर्तों पर ICC के फैसले का इंतजार
ICC Champions Trophy: भारत को 2001 तक तीन बड़े आईसीसी टूर्नामेंट का आयोजन करना है। श्रीलंका के साथ मिलकर भारत 2026 में टी 20 वर्ल्ड कप आयोजित करेगा। इसके बाद 2029 में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होगा।;
ICC Champions Trophy: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 की तस्वीर अभी तक साफ नहीं हो सकी है। इस टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान को मिली है मगर इसके वेन्यू और शेड्यूल को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। भारत की ओर से अपनी टीम पाकिस्तान भेजने से इनकार किए जाने के बाद हुई आईसीसी की पहली बैठक बेनतीजा समाप्त हुई थी।
आईसीसी की इस बैठक के दौरान पाकिस्तान ने हाइब्रिड मॉडल पर टूर्नामेंट आयोजित करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। वैसे अब पाकिस्तान के तेवर नरम पड़ चुके हैं और पाकिस्तान ने कुछ शर्तों के साथ हाइब्रिड मॉडल को स्वीकार करने की बात कही है। अब हर किसी को पाकिस्तान की ओर से लगाई गई शर्तों पर आईसीसी के फैसले का बेसब्री से इंतजार है।
पाक ने आईसीसी के सामने रखी बड़ी शर्त
भारत की ओर से पाकिस्तान का दौरे से इनकार किए जाने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी लगातार हाइब्रिड मॉडल को ठुकराते रहे हैं। आईसीसी की बैठक के दौरान भी उनका यही कहना था कि पाकिस्तान को हाइब्रिड मॉडल स्वीकार नहीं है। पाकिस्तान से चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन छिनने की आशंका के बाद अब पाकिस्तान का तेवर थोड़ा नरम पड़ गया है। पाकिस्तान हाइब्रिड मॉडल को अपनाने के लिए तैयार जरूर हो गया है मगर उसने दो बड़ी शर्तें रख दी हैं।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि आईसीसी उन्हें इस बात की गारंटी दे कि आने वाले समय यानी 2031 तक भारत में होने वाले टूर्नामेंट के लिए भी हाइब्रिड मॉडल ही तैयार किया जाएगा। पीसीबी के अध्यक्ष और पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री मोहसिन नकवी का कहना है कि वह हाइब्रिड मॉडल पर चैंपियंस ट्रॉफी की मेजबानी तभी स्वीकार करेगा जब आईसीसी इस बात पर सहमत हो कि 2031 तक सभी आईसीसी प्रतियोगिताएं इसी प्रणाली पर होंगी और पाकिस्तान की टीम कोई भी मैच खेलने के लिए भारत नहीं जाएगी।
पाकिस्तान के हितों की अनदेखी न की जाए
नकवी का कहना है कि हमने अपने दृष्टिकोण से आईसीसी को अवगत करा दिया है और भारत के दृष्टिकोण के संबंध में भी आईसीसी को पूरी जानकारी है। ऐसे में आईसीसी को वह फैसला लेना चाहिए जिसमें सबका फायदा हो। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के आर्थिक हितों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। नकवी ने यह भी कहा कि सभी देशों के सम्मान के साथ क्रिकेट की जीत होनी चाहिए और यही सबसे महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तान के गौरव की अनदेखी नहीं की जा सकती। इसलिए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि क्रिकेट की जीत हो मगर पाकिस्तान का गौरव भी कम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एकतरफा व्यवस्था नहीं लागू होनी चाहिए। ऐसा नहीं होना चाहिए कि हम भारत का दौरा करें मगर भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दे। इसलिए सामान शर्तों के साथ इस मुद्दे को सुलझाया जाना चाहिए।
पाकिस्तान की शर्तों को पूरा करना मुश्किल
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ओर से रखी गई शर्त पर सहमति बनना मुश्किल माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान हाइब्रिड मॉडल के लिए तो तैयार हो गया है मगर उसकी ओर से रखी गई इस शर्त पर आईसीसी का सहमत होना मुश्किल है। आने वाले समय में भारत को कई बड़े आईसीसी टूर्नामेंट आयोजित करने हैं और पाकिस्तान की शर्त मानने से इस आयोजन में दिक्कतें पैदा हो सकती हैं।
भारत को 2001 तक तीन बड़े आईसीसी टूर्नामेंट का आयोजन करना है। श्रीलंका के साथ मिलकर भारत 2026 में टी 20 वर्ल्ड कप आयोजित करेगा। इसके बाद 2029 में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन होगा जबकि भारत 2031 में बांग्लादेश के साथ मिलकर वनडे वर्ल्ड कप का आयोजन करेगा।
आईसीसी के राजस्व में हिस्सा बढ़ाने की मांग
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की ओर से आईसीसी के सामने राजस्व बढ़ाने की भी शर्त रखी गई है। पाकिस्तान को आईसीसी की ओर से 5.75 प्रतिशत हिस्सा मिल रहा है जबकि पाकिस्तान का कहना है कि इसमें बढ़ोतरी की जानी चाहिए। आईसीसी के राजस्व में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को सबसे ज्यादा 38.50 प्रतिशत ऐसा मिल रहा है। पाकिस्तान को हर साल 5.75 प्रतिशत यानी करीब 291 करोड़ मिल रहे हैं।
अब पाकिस्तान की ओर से राजस्व में हिस्सेदारी बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। अब सबकी निगाहें आईसीसी पर लगी हुई हैं। माना जा रहा है कि आईसीसी की अगली बैठक के दौरान इस मुद्दे पर मंथन किया जाएगा। अब सबको इस बात का इंतजार है कि पाकिस्तान की ओर से रखी गई शर्तों पर आईसीसी की ओर से क्या फैसला लिया जाता है।