सिंगापुर : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच बिना किसी संघर्ष और दावों के हार्दिक और निकटतम संबंध है। मोदी ने यहां व्यापारिक और सामुदायिक समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "जब भारत ने दरवाजे खोलकर पूर्व की ओर देखा, तब सिंगापुर हमारा सहयोगी बना और भारत और आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों के संगठन) के बीच पुल बना।"
ये भी देखें : समाप्त हुआ कर्नाटक का नाटक, JDS के पास वित्त और CONG के पास गृह विभाग
उन्होंने कहा, "भारत और सिंगापुर के बीच हार्दिक और निकटतम राजनीतिक संबंध है।"
मोदी ने कहा, "हमारे बीच कोई संघर्ष या दावा नहीं है, न हि कोई रोष या संदेह है।"
उन्होंने कहा कि भारत और सिंगापुर के राजनीतिक रिश्तों में गर्मजोशी और निकटता है। हमारा एक तरह का ही विजन है, हमारा डिफेंस रिलेशन काफी मजबूत है।
ये भी देखें : हिजबुल प्रमुख सलाहुद्दीन के बेटे की जमानत याचिका खारिज
मोदी तीन दक्षिण एशियाई देशों के पांच दिवसीय यात्रा के तीसरे और अंतिम चरण के अंतर्गत यहां आए हैं। उन्होंने यहां आने से पहले मलेशिया में मलेशिया के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से मुलाकात की।
यहां व्यापारिक और सामुदायिक समारोह में शामिल होने से पहले, मोदी ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ मरीना बे सैंड्स कन्वेंशन सेंटर में भारत-सिंगापुर इंटरप्राइज और इन्नोवेशन एक्सिबेशन का दौरा किया।
इस प्रदर्शनी का आयोजन सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग ने सिंगापुर व्यापारिक संघ व सिंगापुर विनिर्माण संघ के साथ मिलकर किया था।
प्रधानमंत्री यहां शुक्रवार शाम को शांगरी-ला वार्ता को संबोधित करेंगे। मोदी ट्रेक 1 वार्षिक अंतर-सरकारी सुरक्षा फॉरम में ऐसा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।