नोएडा: 22 साल की उम्र में अर्जुन बाजपेई ने सोमवार को वर्ल्ड की पांचवी सबसे ऊंची चोटी माउंट मकालू 27,766 फीट (8000मीटर) पर तिरंगा लहराया है। अर्जुन ने चौथी बार में यह सफलता हासिल की है। यह उपलब्धि हासिल करने वाले वह सबसे कम उम्र के पर्वतारोही भी बन गए हैं।
ऐसा रहा अर्जुन का माउंट मकालू फतह का सफर
-अर्जुन वाजपेयी ने 8 अप्रैल को माउंट मकालू पर अपनी चढ़ाई शुरु की थी।
-इसके बाद 15 से 17 अप्रैल को वह कैंप 2 और 3 होते हुए कैंप 4 पहुंचे।
-जहां से रविवार शाम 8 बजे उन्होंने माउंट मकालू की पीक के लिए चढ़ाई चढ़नी शुरु की।
-सोमवार सुबह करीब 9 बजे उन्हें चोटी तक पहुंचना था लेकिन खराब मौसम की वजह से दो घंटे ज्यादा लग गए।
-करीब 11:00 पर अर्जुन ने माउंट मकालू पर तिरंगा लहराया।
-अर्जुन के साथ उनके चार साथी और भी हैं लेकिन उनमे सबसे कम उम्र अर्जुन वाजपेयी की है।
-13 घंटे की लगातार चढ़ाई के बाद वह जब माउंट मकालू की पीक पर पहुंचे उस दौरान हैवी बर्फबारी के अलावा काफी तेज हवा भी चल रही थी।
चौथी बार में मिली सफलता
माउंट मकालू को फतह करने का अर्जुन का यह चौथा प्रयास था। इससे पहले भी वह 03 बार प्रयास कर चुके थे, लेकिन मौसम की खराबी और तकनीकी खामियों के चलते उन्हें तीनों बार ही फतह से पहले वापस लौटना पड़ा था।
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एवरेस्ट कर चुके हैं फतह
-साल 2010-11 में महज 16 साल की उम्र में अर्जुन ने माउंट एवरेस्ट को फतह करने का गौरव हासिल किया था।
-उस समय वह सबसे कम उम्र में हिमालय की चोटी पर पहुंचने वाले पर्वतारोही थे।
-अर्जुन ने माउंट एवरेस्ट के बाद माउंट ल्योहातसे और माउंट मानासोलू पर भी तिरंगा लहराया था।
02 शेरपा की जा चुकी जान
-माउंट मकालू पर चढ़ाई के लिए 8 सदस्यीय टीम थी।
-जिसमें टीम में शामिल 02 शेरपा की जान जा चुकी थी।
-जबकि एक शेरपा को एयरलिफ्ट किया गया था। उनकी किडनी में समस्या आ गई थी।
कैंप -3 के लिए वापसी
-अर्जुन अपने साथियों के साथ कैंप -3 के लिए वापस आ रहे हैं।
-इसमें करीब दो दिन का समय लगेगा। जिसके बाद वह नेपाल जाएंगे।
-जहां उनको सम्मानित किया जाएगा।