लखनऊ में धरे गए जैश आतंकी दोषी करार, 14 जुलाई को होगी सजा

Update: 2016-06-30 23:46 GMT

लखनऊः एक विशेष अदालत ने आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में नौ साल से राजधानी की जिला जेल में बंद जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकियों को गुरुवार को दोषी ठहराया। इन पर अपने विदेशी साथियों को छुड़ाने के लिए जम्मू-कश्मीर के रास्ते घुसने का आरोप साबित हुआ है। तीनों आतंकी साल 2007 में मुठभेड़ के बाद एसटीएफ के हत्थे चढ़े थे। विशेष जज प्रमोद कुमार मिश्र 14 जुलाई को सजा पर सुनवाई करेंगे।

क्या है मामला?

-तीनों आतंकियों को एसटीएफ ने लखनऊ के सीतापुर रोड से पकड़ा था।

-आतंकियों के नाम मोहम्मद आबिद उर्फ फत्ते, मिर्जा राशिद बेग उर्फ राज कज्जाफी और शैफुर्ररहमान उर्फ यूसुफ हैं।

-इनके पास से एक पिस्टल, दो एके-47 रायफल, 60 कारतूस, 16 हैंड ग्रेनेड, 4 किलो आरडीएक्स और फर्जी आईकार्ड मिले थे।

क्या आरोप लगाए गए थे?

-तीनों आतंकियों पर हत्या की कोशिश, देशद्रोह, विस्फोटक पदार्थ संबंधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।

-सभी पर जेलों में बंद आतंकियों को रिहा कराने की मंशा के साथ भारत में प्रवेश का भी आरोप साबित हुआ।

-ये सभी किसी प्रभावशाली नेता या महत्वपूर्ण संस्थान को कब्जे में लेना चाहते थे।

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