नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) ने देशद्रोह मामले में छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और मुजीब गट्टू को दोषी पाया है। इस मामले में यूनीवर्सिटी प्रशासन ने कन्हैया को सिर्फ 10 हजार का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया। वहीं उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और मुजीब गट्टू को रस्टिकेट कर दिया है।
किसको क्या सजा मिली
-जेएनयू प्रशासन ने कन्हैया पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। उमर खालिद को एक समेस्टर के लिए रस्टीकेट किया गया है।
-मुजीब गट्टू को 2 सेमेस्टर के लिए रस्टिकेट किया गया है।
-वहीं अनिर्बान को पांच साल के लिए रस्टीकेट किया गया है।
-अब पांच साल तक गुट्टू जेएनयू से कोई कोर्स नहीं कर सकेंगे।
क्या है मामला ?
-इसी साल 9 फरवरी को जेएनयू परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
-कार्यक्रम में अफजल गुरू की फांसी की निंदा की गई थी।
-कुछ लोगों ने भारत विरोध और कश्मीर की आजादी के नारे भी लगाए थे।
-इस मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई।
-कमेटी ने कुछ दिनों पहले अपनी रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें कन्हैया सहित 21 छात्रों को दोषी माना गया।
-माना जा रहा है कि इस मामले में जेएनयू छात्रसंघ के वर्तमान जनरल सेक्रेटरी रामा नागा, छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष आशुतोष, उपाध्यक्ष अनंत समेत कुछ और छात्रों पर भी कार्रवाई की जा सकती है।