नई दिल्ली : प्रख्यात वैज्ञानिक के. सिवन बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संगठन (इसरो) के नए अध्यक्ष नियुक्त किए गए। तिरुवनंतपुरम स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के वर्तमान निदेशक सिवन, ए.एस. किरन कुमार की जगह लेंगे। उनका कार्यकाल तीन वर्षो का होगा।
यह के सिवन ही थे कि इसरो ने एक ही मिशन में 104 उपग्रह भेज पिछले साल फरवरी में भारत ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया।
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आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र सिवन की नियुक्ति को कैबिनेट की नियुक्ति समिति (एसीसी) ने मंजूरी दे दी है। सिवन ने पीएसएलवी, जीएसएलवी और जीएसएलवी एमके-आई11 वाहन के डिजाइन में काफी योगदान दिया है।
सिवन ने 1980 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी से वैमानिक इंजीनियरिंग से स्नातक की परीक्षा पास की थी। उन्होंने 1982 में आईआईएससी,बैंगलोर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपना एमई लिया। इसके बाद, उन्होंने 2006 में आईआईटी-बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में अपनी पीएचडी पूरी की थी।
31 उपग्रह छोड़ने की उल्टी गिनती गुरुवार से शुरू होगी
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा 31 उपग्रह छोड़ने की उल्टी गिनती गुरुवार से शुरू होगी। इसमें भारत के तीन और छह अन्य देशों के 28 उपग्रह शामिल हैं। इसरो के जन संपर्क अधिकारी ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, "श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शुक्रवार सुबह 9:28 बजे पीएसएलवी-सी40 रॉकेट छोड़े जाने के 24 घंटे पूर्व गुरुवार को उल्टी गिनती शुरू होगी।"
भारतीय उपग्रहों में से एक 100 किलोग्राम का माइक्रो सैटेलाइट और एक पांच किलोग्राम का नैनो सैटेलाइट शामिल है। बाकी 28 सैटेलाइट कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, दक्षिण कोरिया, ब्रिटेन और अमेरिका के हैं।
31 उपग्रहों का कुल वजन 1323 किलोग्राम है।
सैटेलाइट केंद्र निदेशक एम. अन्नादुरई ने मंगलवार को बताया, "माइक्रो उपग्रह अंतरिक्ष में भारत का 100वां उपग्रह होगा।"
अंतरिक्ष वैज्ञानिक और इंजीनियर गुरुवार से रॉकेट के निचले, मध्य और ऊपरी हिस्से की तेल की टंकी में द्रव्य और ठोस ईंधन भरने की शुरुआत करेंगे।
पिछले साल 31 अगस्त को इसी तरह के रॉकेट से नौवहन उपग्रह आईआरएनएसएस-1 एच लॉन्च किया गया था, लेकिन हीट शील्ड न खुलने की वजह से सैटेलाइट रॉकेट के चौथे चरण में असफल हो गया था।