टैंकर घोटालाः FIR दर्ज होते ही मोदी पर बरसे केजरी, कहा- नहीं डरता

Update:2016-06-21 02:46 IST

नई दिल्लीः करीब 400 करोड़ के टैंकर घोटाले में एफआईआर दर्ज होते ही दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर फिर निशाना साध दिया। केजरीवाल ने सवाल उठाया कि मोदी सरकार ने अभी तक रॉबर्ट वाड्रा और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज क्यों नहीं किए। बता दें कि टैंकर घोटाले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने केजरीवाल के साथ दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित पर भी एफआईआर दर्ज की है।

केजरीवाल ने क्या कहा?

-एसीबी की एफआईआर में नाम आते ही केजरीवाल ने ट्वीट्स की झड़ी लगा दी।

-केजरीवाल ने कहा कि मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले वाड्रा और सोनिया के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया था।

-अभी तक वाड्रा और सोनिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने पर सवाल उठाया।

-केजरीवाल ने कहा कि मोदी ने पहले सीबीआई और अब एसीबी को उनके पीछे लगाया है।

-उन्होंने कहा कि वह केंद्र की किसी जांच एजेंसी से डरने वाले नहीं हैं।

क्या है मामला?

-एसीबी ने सोमवार को टैंकर घोटाले में केजरीवाल और शीला दीक्षित पर एफआईआर दर्ज की।

-शीला पर टैंकर घोटाले में शामिल होने और केजरीवाल पर इस बारे में कार्रवाई न करने का आरोप है।

-शीला के खिलाफ केजरीवाल सरकार ने जांच की सिफारिश की थी, बीजेपी ने केजरीवाल के खिलाफ शिकायत दी थी।

-एसीबी चीफ मुकेश मीणा ने कहा कि जरूरत पड़ने पर दोनों से ही पूछताछ की जाएगी।

-बीजेपी ने केजरीवाल पर 1 साल से भी ज्यादा वक्त तक घोटाले की फाइल और जांच रिपोर्ट दबाने का आरोप लगाया।

घोटाले में इन लोगों के नाम

-एमएलए मतीन अहमद, बलराम तंवर, आसिफ मोहम्मद खान और कुछ आईएएस अफसरों पर है आरोप।

-घोटाले की जांच के लिए जेसी अलघ की अध्यक्षता में 24 जून 2015 को कमेटी बनाई गई थी।

-सिटिजन फ्रंट फॉर वॉटर डेमोक्रेसी नाम के NGO ने घोटाले का मामला उठाया था।

इस तरह हुआ घोटाला

-शीला के सीएम रहते दिल्ली की कॉलोनियों में वॉटर सप्लाई के लिए टैंकर किराए पर लिए थे।

-पहली बार मार्च 2010 में टेंडर निकाला गया। सात साल के लिए जारी टैंडर में कुल लागत 50.98 करोड़ रुपए थी।

-कुछ दिन बाद टेंडर कैंसिल कर दिया। करीब डेढ़ साल में चार बार नए सिरे से टेंडर कैंसल हुए।

-दिसंबर 2011 में 10 साल के लिए टैंकरों को किराए पर लेने के लिए टेंडर जारी किया गया।

-नए टेंडर में लागत 50.98 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 637 करोड़ रुपए कर दी गई।

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