टीले वाली मस्जिद के सामने लक्ष्मण की मूर्ति लगाने पर अड़ी सरकार, मुस्लिम धर्मगुरु विरोध में

Update:2018-06-29 21:59 IST

लखनऊ: योगी सरकार में अब तक सरकारी बिल्डिगों को भगवा रंग में रंगने का दौर चल रहा था। अब नगर निगम ने पुराने लखनऊ में स्थित टीले वाली मस्जिद के सामने लक्ष्‍मण की बड़ी मूर्ति लगाने का फैसला लिया है। इस निर्णय के बाद विवाद शुरू हो गया है। टीले वाली मस्जिद के इमाम ने जहां एक ओर इसके विरोध का ऐलान कर दिया है, वहीं मौलाना सैफ अब्‍बास नकवी ने इसे सियासी चाल बताते हुए इसका विरोध जताया है।

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भड़के मुस्लिम धर्मगुरू

टीले वाली मस्जिद के इमाम मौलाना शाह फजर्लुरहमान ने कहा कि इस तरह के निर्णय शहर की शांति के लिए खतरा हैं। नगर निगम ने जिस जगह पर इस मूर्ति को लगाने का प्रस्ताव बनाया है। वो जगह मस्जिद के ठीक सामने है। इस्लाम में उस जगह पर मूर्ति नहीं हो सकती है जहाँ नमाज़ पढ़ी जाती हो। इसके अलावा ये इलाके संरक्षित इलाका है इसलिए भी यहां पर बिना एएसआई की परमीशन के कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है।

वहीं इस मामले में सुन्नी समुदाय को शिया धर्म गुरुओं का भी साथ मिल रहा है। शिया मौलाना व शिया चांद कमेटी के अध्‍यक्ष मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने कहा है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिये और ऐसे लोगों पर नकेल कसनी चाहिए। हमें लक्ष्‍मण जी की मूर्तियां लगाने से कोई ऐतराज़ नहीं है। लेकिन टीले वाली मस्ज़िद के सामने मूर्ति लगाना मुनासिब नहीं होगा। नमाज़ के चलते टीले वाली मस्ज़िद पर भारी भीड़ होती है, शहर में कई चौराहे और सड़कें खाली हैं। इन जगहों पर मूर्ति लगाना मुनासिब होगा। मस्ज़िद के पास मूर्ति लगाना नये विवाद को जन्‍म देना है।

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कार्यकारिणी ने पास किया प्रस्‍ताव

लखनऊ नगर निगम की कार्यकारिणी ने हाल ही में एक बैठक के दौरान शहर के सौंदर्यीकरण पर चर्चा की थी। इसमें टीले वाली मस्जिद के सामने लाल पुल के करीब लक्ष्‍मण जी की आदम कद मूर्ति लगाने का प्रस्‍ताव पेश हुआ था। जिसे नगर निगम कार्यकारिणी ने पास कर दिया। इसी के बाद से नया विवाद शुरू हो गया।

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