अहमदाबाद: देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 143वीं जयंती है। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवड़िया में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद थे।
अब से कुछ ही देर में मूर्ति का अनावरण होने वाला है। 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। पीएम यह मूर्ति सरदार को उनकी जयंती के मौके पर समर्पित कर रहे हैं। बता दें, इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम अहमदाबाद मंगलवार को ही पहुंच गए।
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'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की ऊंचाई की बात करें तो यह 182 मीटर ऊंची है। बुधवार (31 अक्टूबर) को सुबह 9 बजे नर्मदा जिले के केवडिया में पीएम मोदी आधुनिक भारत के शिल्पी, भारत रत्न लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा #StatueOfUnity का लोकार्पण करेंगे। यह कार्यक्रम काफी भव्य होने वाला है।
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जिस प्रकार देश गणतंत्र दिवस हर साल मनाता है, यह कार्यक्रम भी ठीक उसी तरह से होगा। प्रतिमा के अनावरण के बाद बीजेपी आज पूरे देश में रन फॉर यूनिटी का आयोजन भी कर रही है। यही नहीं, जब मूर्ति का अनावरण होगा तब एयरफोर्स के लड़ाकू विमान मूर्ति के ऊपर से सलामी भी देंगे।
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इस वजह से चर्चा का विषय बनी हुई 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी'
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत के प्रथम उप प्रधानमन्त्री तथा प्रथम गृहमन्त्री सरदार पटेल को समर्पित एक स्मारक है, जो भारतीय राज्य गुजरात में स्थित है।
- गुजरात के तत्कालीन मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के मौके पर इस विशालकाय मूर्ति के निर्माण का शिलान्यास किया था।
- यह स्मारक सरदार सरोवर बांध से 3.2 किमी की दूरी पर साधू बेट नामक स्थान पर है जो कि नर्मदा नदी पर एक टापू है। यह स्थान भारतीय राज्य गुजरात के भरुच के निकट नर्मदा जिले में स्थित है।
- 1.69 गांवों के किसानों ने मूर्ति के लिए लोहे का दान दिया। इसमें 135 मीट्रिक टन लोहे का दान मिला, जो इसमें इस्तेमाल हुआ है।
- आधार सहित इस मूर्ति की कुल ऊँचाई 240 मीटर है जिसमे 58 मीटर का आधार तथा 182 मीटर की मूर्ति है।
- 128 मीटर ऊंची स्प्रिंग टेंपल की बुद्ध प्रतिमा अब तक दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति थी।
- 11 साल के अथक प्रयास से बुद्ध की प्रतिमा बनी थीं, जबकि यह एक तिहाई समय में बना।
- 6.5 रिक्टर पैमाने पर आए भूकंप के झटकों में भी मूर्ति की स्थिरता बरकरार रहेगी।
- 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं को झेल सकती है।
- 1999 में पद्मश्री से सम्मानित सुतार ने मूर्ति को डिजाइन किया। इन्होंने 50 से अधिक स्मारकों का निर्माण किया है।
- इन्होंने 1959 में स्थापित भखड़ा नांगल बांध के पास 50 फीट स्मारक भी बनाया।
- मूर्तिकार रामवनजी सुतार ने स्टैच्यु ऑफ यूनिटी के लिए कई डिजाइन बनाए थे। चयनित डिजाइन का प्रारूप बनाया गया, जिसकी ऊंचाई 30 फीट के करीब थी।
- 3.5 किलोमीटर की दूरी पर नर्मदा नदी पर बना सरदार सरोवर बांध है।
- 153 मीटर की ऊंचाई तक जा सकेंगे पर्यटक 12 किमी दूरी तक देखा जा सकता है।
- 200 लोग एक साथ मूर्ति के ऊपरी तले में बनी गैलरी में आ सकते हैं।
- इस मूर्ति के निर्माण कार्य पर हजार 989 करोड़ रुपये की लागत आई है।
- 18 हजार 500 टन स्टील नींव में और 6,500 टन स्टील मूर्ति के ढांचे में लगी।
- 17 सौ टन कांसे का इस्तेमाल मूर्ति में, जबकि 1,850 टन कांसा बाहरी हिस्से में लगा।
- 1 लाख 80 हजार टन सीमेंट कंक्रीट का इस्तेमाल निर्माण में किया गया।
- यह विश्व की सबसे ऊँची मूर्ति है, जिसकी लम्बाई 182 मीटर (597 फीट) है।
- यह विशालकाय मूर्ति भारतीय रुपया2,989 करोड़ (US$436.39 मिलियन) में निर्मित हुआ है।
- यह प्रतिमा महज 33 माह के रिकॉर्ड कम समय में बनकर तैयार हुई है।
'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की ये है विशेषताएं
- मूर्ति पर कांस्य लेपन
- स्मारक तक पहुँचने के लिये लिफ्ट
- मूर्ति का त्रि-स्तरीय आधार, जिसमे प्रदर्शनी फ्लोर, छज्जा और छत शामिल हैं। छत पर स्मारक उपवन, विशाल
- संग्रहालय तथा प्रदर्शनी हॉल है जिसमे सरदार पटेल की जीवन तथा योगदानों को दर्शाया गया है।
- एक नदी से 500 फिट ऊँचा आब्जर्वर डेक का भी निर्माण किया गया है जिसमे एक ही समय में दो सौ लोग मूर्ति का निरीक्षण कर सकते हैं।
- नाव के द्वारा केवल 5 मिनट में मूर्ति तक पहुँचा जाया जा सकेगा।
- एक आधुनिक पब्लिक प्लाज़ा भी बनाया गया है, जिससे नर्मदा नदी व मूर्ति देखी जा सकती है। इसमें खान-पान (8.) स्टॉल, उपहार की दुकानें, रिटेल और अन्य सुविधाएँ शामिल हैं, जिससे पर्यटकों को अच्छा अनुभव होगा।