नई दिल्ली : अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत सभी विरोधियों को खूब धोया। अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में दिनभर चली करीब 10 घंटे की चर्चा के बाद नरेंद्र मोदी ने जब जवाब देना शुरू किया तो सदन पहले ठाहाकों से गूँज उठा।
मोदी ने कहा- ये अविश्वास प्रस्ताव एक प्रकार से हमारे लोकतंत्र की शक्ति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि प्रस्ताव पर इतनी जल्दी चर्चा पर मैं हैरान था।
प्रधानमंत्री ने शेर पढ़ा- न मांझी, न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है? अपने भाषण में प्रधान मंत्री ने उन एक एक प्रश्नो पर जवाब दिया जो उनके तथा उनकी सरकार के खिलाफ उठाये गए थे।
ख़ारिज करें प्रस्ताव
प्रधानमंत्री ने कहा कि भले ही प्रस्ताव टीडीपी के माध्यम से यह प्रस्ताव आया हो, लेकिन उनके साथ जुड़े हुए कुछ माननीय सदस्यों ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए बहुत सी बाते कही हैं । उन्होंने कहा कि मैं आग्रह करूंगा कि हम सभी इस प्रस्ताव को खारिज करें और तीस साल के बाद पहली बार देश में पूर्ण बहुमत के साथ बनी हुई सरकार ने जिस गति से काम किया, उस पर फिर से विश्वास प्रकट करें।
इस नकारात्मक राजनीति से हैरान
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश को ये भी चेहरा देखने को मिला है कि कैसी नकारात्मकता है। कैसा विकास के प्रति विरोध का भाव है। कैसे नकारात्मक राजनीति ने कुछ लोगों को घेरकर रखा हुआ है। उन सभी का चेहरा निखरकर, सजधजकर बाहर आया है। उन्होंने कहा कि कइयों के मन में सवाल है कि ये प्रस्ताव लाया क्यों गया, क्योंकि न संख्या है, न समर्थन है। और सरकार को गिराने का इतना ही उतावलापन है तो मैं हैरान था कि अगर इस पर जल्दी चर्चा नहीं होती तो क्या अासमान फट जाता? क्या भूकंप आ जाता? 48 घंटे और देर करनी थी तो लाए क्यों? न मांझी, न रहबर, न हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है?’
इन्हें यहां पहुंचने का उत्साह था- उठो! उठो! उठो!
सदन में राहुल गांधी द्वारा दी गयी झप्पी का उल्लेख करते हुए मोदी ने उन पर बड़ा हमला बोला। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मोदी हटाओ का नारा दिया जा रहा है। मैं हैरान हूं कि अभी तो चर्चा प्रारंभ हुई थी, मतदान नहीं हुआ था, जय-पराजय का फैसला नहीं हुआ था, फिर भी इन्हें यहां पहुंचने का उत्साह था- उठो! उठो! उठो! न यहां कोई उठा सकता है, न बैठा सकता है। सवा सौ करोड़ देशवासी ही उठा सकते हैं। लोकतंत्र में जनता पर भरोसा होना चाहिए। इतनी जल्दबाजी क्या है? हम खड़े होंगे तो प्रधानमंत्री पंद्रह मिनट तक खड़े नहीं हो पाएंगे। मैं खड़ा भी हूं और चार साल जो काम किए हैं, उस पर अड़ा भी हूं।
सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं , विपक्ष का फ़ोर्स टेस्ट
प्रधानमंत्री ने कहा कि विरोधी लोग यह अहंकार करते हैं कि 2019 में सत्ता में आने नहीं देंगे। यहाँ फिर राहुल पर कटाक्ष करते हुए मोदी ने कहा कि जो लोगों में विश्वास नहीं करते और खुद को भाग्य विधाता मानते हैं, उनके मुंह से ऐसे शब्द अच्छे नहीं लगते। लोकतंत्र में जनता ही भाग्य विधाता होती है। वह कहते हैं - 2019 में अगर कांग्रेस सबसे बड़ा दल बनती है तो मैं बनूंगा प्रधानमंत्री। लेकिन, दूसरों की भी ढेर सारी ख्वाहिशें हैं, उनका क्या होगा। उस बारे में कन्फ्यूजन है। ये सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है। कांग्रेस के तथाकथित साथियों का फोर्स टेस्ट है। मैं ही प्रधानमंत्री बनूंगा, इस सपने का फ्लोर टेस्ट है।
कुनबा न बिखर जाए
मोदी ने कहा कि अपना कुनबा न बिखर जाए, इसकी चिंता पड़ी है। एक मोदी को हटाने के लिए सभी को इकट्ठा करने का प्रयास हो रहा है। मेरी कांग्रेस के साथियों को सलाह है। जब भी अगर आपको अपने संभावित साथियों की परीक्षा लेनी है तो जरूर लीजिए, लेकिन कम से कम अविश्वास प्रस्ताव का बहाना तो ना बनाइए। जितना अविश्वास वो सरकार पर करती है, कम से कम उतना विश्वास अपने संभावित साथियों पर तो करिए।’’
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क्या बोले पीएम
- सब सोच रहें हैं कि ये अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया गया?
- कुछ लोगों को नकारात्मक राजनीति ने घेर रखा है।
- राहुल के गले मिलने पर बोले 'आज सुबह हड़बड़ी में कोई कह रहा था कि उठो-उठो'।
- अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करें।
- लोकतंत्र में लोकतांत्रिक प्रणालियों पर भरोसा होना चाहिए। अविश्वास प्रस्ताव ये बताता है कि इस देश में लोकतंत्र जिंदा है।
- लोकतंत्र में जनता भाग्यविधाता होती है।
- यह सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं है। विपक्ष का फोर्स्ड टेस्ट है।
- न मुझे कोई उठा सकता है न ही कोई गिरा सकता है।
- हमने 18 हजार गांवों में बिजली पहुंचाई।
- पूर्वी-उत्तर भारत के 15 गांवों में बिजली पहुंचाने का काम किया। इसपर भी विपक्ष को विश्वास नहीं।
- देश को विश्वास है, दुनिया को विश्वास है, दुनिया की सर्वश्रेष्ठ संस्थाओं को विश्वास है लेकिन जिन्हें खुद पर विश्वास नहीं वो कैसे विश्वास करेंगें।'
- 2022 तक किसानों की आय दुगनी करने की दिशा में हम एक के बाद एक कदम आगे बढ़ाते जा रहें हैं।
- मेरी आपको शुभकामनाएं हैं कि आप 2024 में भी अविश्वास प्रस्ताव लें आएं।
- कांग्रेस को चुनाव आयोग पर, न्यायपालिका पर, आरबीआई पर, अंतरराष्ट्रीय संस्थानों पर भरोसा नहीं क्योंकि उन्हें खुद पर भरोसा नहीं।
- आपने सर्जिकल स्ट्राइक को जुमला स्ट्राइक कहा, मुझे जितना गाली देना है दे दीजिए पर देश के जवानों को गाली मत दीजिए। मैं अपनी सेना का अपमान बर्दाश्त नहीं कर सकता।'
- राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में संसद में ऐसे बचकाने बयान दिए गए जिसे खुद दोनों देशों की सरकार को खारिज करना पड़ा। इससे देश की छवि को नुकसान होता है। इससे बचना चाहिए।
- आज पूरा देश देख रहा था टीवी पर आंखों का खेल, कैसे आंखें खोली जा रही हैं कैसे बंद की जा रही हैं।
- आपकी आंखों में आंखे डाल कर हम तो नहीं बोल सकते, आप नामदार हैं और कामदार हैं।
- हम चौकीदार हैं,हम भागीदार भी हैं हम आपकी तरह ठेकेदार नहीं हैं, सौदागर नहीं है।
- अटल जी ने तीन राज्य बनाए थे- झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड। यह सब शांति से हुआ। तीनों राज्य संपन्न हो रहें है। कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश का विभाजन किया और उनका व्यवहार तब शर्मनाक था।
- जब टीडीपी एनडीए से अलग हो रही थी तो मैंने चंद्रबाबु नायडू को फोन करके चेतावनी दी की आप वायएसआर कांग्रेस के जाल में फंस रहे हैं।
- मैं आंध्रा प्रदेश के लोगों को बताना चाहता हू्ं कि हम उनके लिए काम करते रहेंगे। हम आंध्र प्रदेश के विकास के लिए हर संभव कार्य करेंगे।
- कांग्रेस ने बच्चे को तो बचा लिया पर मां को मार दिया।
- तीन तलाक पर सरकार महिलाओं के साथ मजबूती खड़ी रही।
- कांग्रेस के समय में फोन पर लोन दिए जाते थे। एनपीए का जाल उस समय में ही फैला था।
- देश में रोजगार को लेकर काफी सारे भ्रम फैलाए जा रहें है। सरकार ने सिस्टम में उपलब्ध रोजगार के आंकड़ो को हर महीने सरकार के अलग-अलग विभागों में उपलब्ध कराने का फैसला लिया है।
- हिंसा की कोई भी घटना देश के लिए शर्मनाक हैं। मैं राज्य सरकारों से अपील करता हू्ं जो इस तरह की हरकतों में लिप्त होते हैं उनको सजा दें।
- ट्रांसपोर्ट सेक्टर में 11 लाख 40 हजार लोगों को रोजगार मिला है और 7 लाख नई गाड़ियां रजिस्टर हुई हैं।