लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की जांच में खुद उतरे यूपीडा के CEO अवनीश अवस्थी

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की जांच में खुद उतरे यूपीडा के चेयरमैन अवनीश अवस्थी ने रविवार (21 मई) की सुबह एक्सप्रेस वे पर जाकर कई स्पॉट का सैंपल कलेक्ट किया।

Update: 2017-05-21 10:37 GMT
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की जांच में खुद उतरे यूपीडा के चेयरमैन अवनीश अवस्थी ने रविवार (21 मई) की सुबह एक्सप्रेस वे पर जाकर कई स्पॉट का सैंपल कलेक्ट किया। सीएम योगी आदित्यनाथ के जांच के आदेश के बाद यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने मौके से नमूने लिए हैं। नमूनों को जांच के लिए भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि एक्सप्रेस वे पर घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगातार लगते रहे हैं। इसके अलावा किसानों को मुआवजा दिए जाने की भी जांच के आदेश के बाद यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है। कैसे लिए गए नमूने? यूपी की पूर्व अखिलेश सरकार के सबसे बड़े प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को लेकर अब चौतरफा घेरा बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में लखनऊ से इटावा खुद यू पी इंडस्ट्रियल एक्सप्रेस वे डेवलेपमेंट अथाॅरिटी (यूपीडा) के चेयरमैन अवनीश अवस्थी ने अपने पांच इंजीनियरों की टीम के साथ एक्सप्रेस वे का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने पांच जगहों से अलग-अलग सैंपल्स कलेक्ट लिए गए। इन सैंपल्स को जांच के लिए भेज दिया गया है। इस एक्सप्रेस वे को योगी सरकार ने आते ही निशाने पर ले लिया था। इस कड़ी में यह सैंपल्स खासे अहम माने जा रहे हैं। यह भी पढ़ें ... मुआवजे की जांच भी राज्य सरकार ने दस जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि मुआवजे की भी जांच करें। इस एक्सप्रेस वे के लिए 230 गांवों की करीब 3,500 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई थी। इन सौदों में 20,456 किसानों से सौदे किए गए थे। इन सौदों और मुआवजे की भी जांच के आदेश अप्रैल में ही दिए जा चुके हैं। क्यों खास है यह एक्सप्रेस वे? लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे 302 किलोमीटर लंबा है। इसे बनाने का खर्च 15 हजार करोड़ रुपए बताई जा रही है। समाजवादी सरकार ने दावा किया था कि एक्सप्रेस-वे को रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। यह एक्सप्रेस-वे इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, उन्नाव, कानपुर, कन्नौज, औरैया और हरदोई होकर गुजरता है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश ने अपनी सभाओं में इसका खूब प्रचार भी किया था। उन्नाव के पास इस एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन भी उतार कर अखिलेश यादव सरकार ने इसकी सार्थकता साबित करने की कोशिश की थी।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की जांच में खुद उतरे यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने रविवार (21 मई) की सुबह एक्सप्रेस वे पर जाकर कई स्पॉट का सैंपल कलेक्ट किया।

सीएम योगी आदित्यनाथ के जांच के आदेश के बाद यूपीडा के सीईओ अवनीश अवस्थी ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे की जांच शुरू कर दी है। उन्होंने मौके से नमूने लिए हैं। नमूनों को जांच के लिए भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि एक्सप्रेस वे पर घटिया सामग्री के इस्तेमाल का आरोप लगातार लगते रहे हैं। इसके अलावा किसानों को मुआवजा दिए जाने की भी जांच के आदेश के बाद यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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कैसे लिए गए नमूने?

यूपी की पूर्व अखिलेश सरकार के सबसे बड़े प्रोजेक्ट लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे को लेकर अब चौतरफा घेरा बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में लखनऊ से इटावा खुद यू पी इंडस्ट्रियल एक्सप्रेस वे डेवलेपमेंट अथाॅरिटी (यूपीडा) के सीईओ अवनीश अवस्थी ने अपने पांच इंजीनियरों की टीम के साथ एक्सप्रेस वे का दौरा किया।

इस दौरान उन्होंने पांच जगहों से अलग-अलग सैंपल्स कलेक्ट लिए गए। इन सैंपल्स को जांच के लिए भेज दिया गया है। इस एक्सप्रेस वे को योगी सरकार ने आते ही निशाने पर ले लिया था। इस कड़ी में यह सैंपल्स खासे अहम माने जा रहे हैं।

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मुआवजे की जांच भी

राज्य सरकार ने दस जिलों के डीएम को निर्देश दिया है कि मुआवजे की भी जांच करें। इस एक्सप्रेस वे के लिए 230 गांवों की करीब 3,500 हेक्टेयर भूमि खरीदी गई थी। इन सौदों में 20,456 किसानों से सौदे किए गए थे। इन सौदों और मुआवजे की भी जांच के आदेश अप्रैल में ही दिए जा चुके हैं।

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क्यों खास है यह एक्सप्रेस वे?

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे 302 किलोमीटर लंबा है। इसे बनाने का खर्च 15 हजार करोड़ रुपए बताई जा रहा है। समाजवादी सरकार ने दावा किया था कि एक्सप्रेस-वे को रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। यह एक्सप्रेस-वे इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, उन्नाव, कानपुर, कन्नौज, औरैया और हरदोई होकर गुजरता है। यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान अखिलेश ने अपनी सभाओं में इसका खूब प्रचार भी किया था। उन्नाव के पास इस एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन भी उतार कर अखिलेश यादव सरकार ने इसकी सार्थकता साबित करने की कोशिश की थी।

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