नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) मुखिया मायावती और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को बसपा संस्थापक कांशीराम को भारत का सर्वोच्च पुरस्कार भरत रत्न देने की मांग की है। इन दोनों नेताओं ने यह मांग कांशीराम जयंती के मौके पर की। कांशीराम की 82वीं जयंती के मौके पर मायावती ने राज्यसभा में बोल रही थी तो केजरीवाल ने कांशीराम के पैतृक गांव बुंगा साहिव में जनता को संबोधित करते हुए यह मांग की।
राज्यसभा में मायावती ने कहा कि कांशीराम को गरीब और सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के उत्थान के लिए दिए गए योगदान के लिए भारत रत्न के पुरस्कार से सम्मानित किया जाए।
‘जीवनर्पयत कमजोर वर्ग के लिए किया काम ‘
माया ने कहा कि माननीय कांशीराम ने कमजोर वर्ग के लोगों को उनके पैरों पर खड़े करने में मदद करने के लिए जीवनर्पयत काम किया। उन्होंने कहा कि समाज के लिए किए गए उनके बलिदान को याद किया जाना चाहिए।
कांशीराम जयंती को लेकर अन्य दलों पर साधा निशाना
माया ने कहा कि जो दल आज कांशीराम जी के बारे में बात कर रहे हैं, वे ही आरक्षण के विरोधी थे। उन लोगों ने ही उनके विचारों का विरोध किया था। मायावती ने पार्टी संस्थापक के जन्मदिन पर छपे दिल्ली सरकार के विज्ञापन पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस, बीजेपी और अन्य दल अंबेडकर और कांशीराम की जयंती सिर्फ वोट लेने के लिए मनाती हैं।
मायावती ने कहा, बीजेपी अंबेडकर जयंती पर क्या-क्या नाटक कर रही है। एक तरफ किस्म किस्म के कार्यक्रम करती है। बाबा साहेब के आरक्षण को लेकर डबल माइंड है। RSS आरक्षण को लेकर कुछ न कुछ कहता रहता है।
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी की मांग
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कांशीराम जयंती के मौके पर उन्हें भारत रत्न के पुरस्कार से नवाजे जाने की बात कही। कांशीराम जयंती के मौके पर उन्होंने कांशीराम की प्रतिमा पर फूल अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर केजरीवाल ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि वह बुआ जी (कांशीराम की बहन) के निमंत्रण पर यहां आए हैं और यहां आकर उन्हें बहुत खुशी महसूस हो रही है।