Lucknow News: लोहिया अस्पताल में नहीं मिला बेड और ट्रॉमा सेंटर में नहीं मिला ऑक्सीजन, दो बच्चों के पिता की गई जान

Lucknow News: न्यूज़ट्रैक से बातचीत में मृतक के भाई आशुतोष सिंह ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो भाई नागेंद्र उर्फ़ मोहन की हालत काफी गंभीर थी।;

Written By :  Santosh Tiwari
Update:2024-12-01 19:43 IST

फाइल फोटो: मृतक नागेंद्र उर्फ़ मोहन (बाएं), लोहिया अस्पताल में बेड न होने की लिखी बात का दस्तावेज: Photo- Newstrack 

Lucknow News: सरकार एक ओर मरीजों के पूर्ण उपचार के तमाम दावे कर रही है दूसरी ओर इलाज के अभाव में मरीजों की मौतों के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यह हाल दूर दराज के किसी छोटे-मोटे अस्पताल नहीं बल्कि राजधानी लखनऊ के राम मनोहर लोहिया और मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर का है। यहां आए दिन इलाज के अभाव में मरीजों की मौत के मामले सामने आते हैं। ताजा मामला गोसाईगंज थानाक्षेत्र के मंगहुआं गांव निवासी नागेंद्र सिंह (35) उर्फ़ मोहन सिंह की मौत का है। 30 नवंबर को वह अपने निजी काम से गोमती नगर गए हुए थे वापस लौटने के दौरान दयाल पैराडाइज के पास तेज रफ्तार स्विफ्ट डिजायर कार UP78DE3393 ने उन्हें रौंद दिया। इसके बाद सूचना पर उनके भाई आशुतोष सिंह उर्फ़ गोकुल सिंह मौके पर पहुंचे।

खानापूर्ति कर लोहिया अस्पाल से कर दिया रेफर

न्यूज़ट्रैक से बातचीत में मृतक के भाई आशुतोष सिंह ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो भाई नागेंद्र उर्फ़ मोहन की हालत काफी गंभीर थी। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए गोमती नगर के राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। यहाँ चिकित्सकों ने उनकी फाइल तैयार की। प्राथमिक उपचार के बाद लोहिया अस्पताल में ICU और वेंटिलेटर बेड न खाली होने का हवाला देते हुए नाजुक हालत में SGPGI/KGMU रेफर कर दिया गया। इस बीच उनकी हालत लगातार बिगड़ती रही।

परिजनों द्वारा गोमती नगर थाने में दी गई तहरीर (बाएं), मेदांता अस्पताल से जारी प्रमाण पत्र (दाएं): Photo- Newstrack 

परिजन बोले- ट्रॉमा में चिकित्सकों ने देखा तक नहीं

आशुतोष सिंह ने आरोप लगाया कि लोहिया अस्पताल में हालत काफी गंभीर देखते हुए चिकित्सकों ने उन्हें SGPGI या ट्रॉमा सेंटर ले जाने की बात कही। जब ट्रॉमा सेंटर ले गए तो चिकित्सकों ने मरीज को हाथ तक नहीं लगाया। उन्होंने सिर्फ फाइल देखी और वापस लौटा दिया। आरोप है कि ट्रॉमा में मरीज को ऑक्सीजन तक नहीं दिया गया। यह बात भाई की ओर से गोमती नगर थाने में दी गई तहरीर में भी लिखी गई है। करीब आधे घंटे वह लोग इलाज के लिए इधर उधर भटकते रहे। इस बीच मरीज की सांसे लगातार उखड़ती रही। ट्रॉमा में इलाज न मिलता देख वह लोग मरीज को इलाज के लिए सुशांत गोल्फ सिटी के मेदांता अस्पताल ले गए। यहाँ चिकित्सकों ने नागेंद्र को मृत घोषित कर दिया।

जिम्मेदारों ने जानकारी होने से किया इंकार

इस मामले पर न्यूज़ट्रैक ने लोहिया अस्पताल के प्रवक्ता भुवन चंद्र तिवारी से बात की तो उन्होंने कहा कि आमतौर पर वेंटिलेटर बेड फुल रहते हैं। फ़िलहाल हमारे पास ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। वहीँ, KGMU के प्रवक्ता सुधीर सिंह ने कहा कि हमारे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है और न ही कोई शिकायत ही आई है।

गोमती नगर थाने में दर्ज FIR: Photo- Newstrack

बच्चों के सिर से उठा पिता का साया

मृतक के भाई आशुतोष सिंह ने कहा कि उनके भाई ओला में गाड़ी चलाकर परिवार का भरण पोषण करते थे। परिवार में उनकी पत्नी मधु सिंह और दो बेटे दिव्य प्रताप सिंह (11) और वेद प्रताप सिंह (8) हैं। घर वालों के लिए रोजी-रोटी का सहारा भी नागेंद्र ही थे। उनकी मौत के बाद अब पत्नी और बेटों के सामने जीवन बसर करने का भी संकट आ गया है। फ़िलहाल मृतक के भाई आशुतोष सिंह की शिकायत पर गोमती नगर थाने में कानपुर जनपद के विष्णुपुरी कॉलोनी निवासी कार चालक सुरभी सिंह पत्नी सुधांशु सिंह के खिलाफ धारा 106, 125(a), 125 (b), 281 के तहत केस दर्ज कर विवेचना शुरू की गई है।  

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