अशोक सिंघल के अस्थि विसर्जन स्थल को पर्यटन केंद्र बनाएगी मोदी सरकार
केंद्र सरकार उस स्थान को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करेगी जहां विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के दिवंगत नेता अशोक सिंघल की अस्थियां विसर्जित की गई थीं।
नई दिल्ली: केंद्र सरकार उस स्थान को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करेगी जहां विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के दिवंगत नेता अशोक सिंघल की अस्थियां विसर्जित की गई थीं।
सिंघल राम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख सूत्रधारों में से एक थे और बाबरी विध्वंस मामले में आरोपी भी थे। साल 2015 में सिंघल का निधन हो गया था।
उनके निधन के बाद उनकी अस्थियों को हिमाचल प्रदेश में एक मठ में करीब छह महीने तक सुरक्षित रखा गया था। विहिप नेता की इच्छा के अनुरूप उनकी अस्थियों को पिछले साल जून में तांडी संगम (चंद्रभागा नदी) में विसर्जित कर दिया गया था।
पर्यटन मंत्रालय तांडी संगम पर ध्यान देने जा रही है और चंद्रभागा विकास बोर्ड के जरिए इस क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।
पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने कहा, यह सुंदर स्थल है, लेकिन काफी विपरीत हालात की वजह से छह महीने से यहां तक पहुंच नहीं हो पा रही थी।
रोहतांग सुरंग का काम जल्द पूरा होने के साथ ही हम इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बना हे हैं। शर्मा ने यह भी कहा कि इस स्थान का खासा महत्व है क्योंकि चंद्रभागा नदी को गंगा के बाद सबसे पवित्र माना जाता है।