झांसीः यूपी के बुंदेलखंड में सूखे की मार और मुआवजा न मिलने से किसान लगातार जान देने और पलायन करने को मजबूर हैं। वहीं, केंद्र सरकार की टीम ने कह दिया है कि इलाके के झांसी और ललितपुर में किसानों को सूखा राहत या मुआवजा देने की जरूरत नहीं है।यही नहीं, टीम ने ये भी कहा है कि यूपी सरकार की योजनाओं से भी वह संतुष्ट है।
परखा बुंदेलखंड के सूखे का सच
-दिल्ली से तीन सदस्यों की टीम बुंदेलखंड के झांसी-ललितपुर गई थी।
-राज्य सरकार की योजनाओं की तारीफ करते दिखे टीम के सदस्य।
-किसानों को कम पानी वाली फसल बोने को कहा।
-यूपी सरकार की खेत-तालाब योजना का लाभ लेने को भी कहा।
-अनाज देने, पेयजल की आपूर्ति और चारा प्रबंधन की जानकारी ली।
किसान ने दिखाया सूखा कुआं
-बड़ौरा गांव में एक किसान आत्माराम ने सूखा कुआं टीम के सदस्यों को दिखाया।
-आत्माराम ने बताया कि पहले कुएं में गर्मियों में भी पानी रहता था।
-इस साल कुआं सूख गया और वह बुवाई नहीं कर सका।
-कई किलोमीटर दूर से परिवार और जानवरों के लिए लाता है पानी।
प्रशासन ने अनाज देने का किया दावा
-टीम को एडीएम उमेश नारायण पांडे इलाके के बारे में बता रहे थे।
-एडीएम ने किल्चवारा गांव में बताया कि सभी लोगों को पूरा अनाज दिया जा रहा है।
-सितंबर से अनाज पूरी तरह मुफ्त देने की योजना भी टीम को बताई।
कौन-कौन था केंद्रीय टीम में?
-केंद्रीय टीम में आरबी कौल, रामानंद और अमित कुमार थे।
-इनके साथ यूपी सरकार ने जीपी सिंह को लायजनिंग ऑफिसर रखा था।
-एडीएम उमेश नारायण पांडेय, डीडी कृषि यूपी सिंह, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता एमएल अग्रवाल भी साथ में थे।