नई दिल्ली/श्रीनगरः हिजबुल मुजाहिदीन के 10 लाख के इनामी आतंकी बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में जारी हिंसा और पाकिस्तान की भूमिका पर केंद्र सरकार अब जोरदार पलटवार करने की तैयारी में है। पीएम मोदी अफ्रीका दौरे से लौटकर आने के बाद जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पीएम मोदी ने बैठक की हैं। बैठक में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल भी शामिल हुए। आईबी और रॉ प्रमुख भी बैठक में मौजूद रहे।
इस बीच, श्रीनगर समेत कश्मीर के कई इलाकों में कर्फ्यू जारी है। रेल सेवा और इंटरनेट सेवा बंद है। राजनाथ सिंह ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक की। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला से भी फोन पर बात की। हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र ने घाटी में सीआरपीएफ की 20 और कंपनियां भेजी हैं।
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सोनिया ने किया समर्थन
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सरकार के कदमों का समर्थन किया है। उन्होंने राजनाथ सिंह से बातचीत में साफ कहा कि कांग्रेस आतंकियों से सख्ती से निपटने के लिए हमेशा कहती रही है और सरकार को अपने कदम खींचने की जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर समस्या सुलझाने की राजनीतिक पहल को धक्का नहीं लगना चाहिए। सोनिया ने हिंसा में 31 लोगों के मारे जाने की खबरों पर चिंता जरूर जताई।
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सोमवार को कश्मीर में क्या हुआ?
सोमवार को भी कश्मीर घाटी के अलग-अलग हिस्सों में हिंसा जारी रही। भीड़ ने सोपोर में पुलिस चौकी और अनंतनाग के डोरू में कोर्ट की इमारत को आग लगा दी। पुलवामा में एयरफोर्स बेस पर भी भीड़ ने हमला बोला और वहां आगजनी की। उधर, श्रीनगर एयरपोर्ट और अन्य जगह हजारों अमरनाथ यात्री फंसे हुए हैं। हालांकि, करीब 1700 बसों में अमरनाथ यात्रा पर गए लोगों को निकाला गया। वहीं, सोमवार रात से अमरनाथ यात्रियों को बालटाल के रास्ते पवित्र गुफा तक भी भेजा जाने लगा है।