अल्पसंख्यक आयोग ने कहा- कैराना से हिंदुओं का पलायन नहीं, NHRC पर उठाए सवाल
शामलीः यहां के कैराना कस्बे से हिंदू परिवारों के पलायन को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (एनसीएम) ने गलत बताया है। बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बीते दिनों अपनी रिपोर्ट में एक समुदाय विशेष के बदमाशों से डरे हिंदुओं के पलायन को सही माना था। मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में यूपी सरकार से जवाब भी मांगा था। ये मुद्दा कैराना से बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने उठाया था। जिसके बाद यूपी की सियासत गरमा गई थी।
अल्पसंख्यक आयोग ने क्या कहा?
अल्पसंख्यक आयोग में यूपी की इंचार्ज फरीदा अब्दुल्ला खान अपनी टीम के साथ कैराना आई थीं। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट की कुछ बातें आधारहीन हैं। उन्होंने कहा कि हमने कुछ स्थानीय परिवारों और प्रशासन से बात की। हमने पाया कि पलायन के कोई सबूत नहीं हैं। ऐसे में मानवाधिकार आयोग की कुछ बातें सही नहीं लगती हैं।
मानवाधिकार आयोग ने क्या कहा था?
एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट में माना था कि कैराना से 250 हिंदू परिवारों ने पलायन किया है। इतना ही आंकड़ा सांसद हुकुम सिंह ने भी दिया था। आयोग की रिपोर्ट में था कि कम से कम 24 गवाहों ने बताया कि खास समुदाय (मुस्लिमों) के युवा एक दूसरे समुदाय की महिलाओं को छेड़ते हैं। इस वजह से महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलतीं। साथ ही पुलिस में भी शिकायत नहीं करतीं।
फरीदा ने क्या कहा?
फरीदा अब्दुल्ला खान ने कहा कि उनकी टीम को पलायन के बारे में कोई सबूत नहीं मिले। उन्होंने कहा कि मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि कैराना में अपराधों में बढ़ोतरी दूसरी जगह से आकर बसे लोगों की वजह से है। जबकि, इसे साबित करने के लिए कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है। एनएचआरसी की रिपोर्ट कहती है कि दंगा प्रभावित इलाकों से आकर 30 हजार लोग यहां बसे, लेकिन स्थानीय एनजीओ इनकी संख्या 200 बताते हैं।
आगे की स्लाइड में पढ़ें बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने क्या कहा था ...
बीजेपी सांसद का आरोप
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की रिपोर्ट के बाद बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने एक बार फिर कैराना का मुद्दा उठाया। उन्होंने आईजी को एक ज्ञापन में कहा,’ कैराना में कानून व्यवस्था पहले से ज्यादा खराब हो गई है। लोगों से खुलेआम रंगदारी मांगी जा रही है। लोगों का पलायन बरकरार है। वेस्ट यूपी में अपराध चरम सीमा पर है। लोग अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं। रंगदारी के कारण लोगों की हत्या हो रही है।’
भाजपा सांसद हुकुम सिंह ने सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ‘केंद्रीय मानवधिकार आयोग ने आरोपों की पुष्टि कर दी है। सच सबके सामने आ गया है। कैराना में भयावह स्थिति है। काननू व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। प्रदेश सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है। सपा गुंडों के दम पर चुनाव जीतना चाहती है। सत्ता में भाजपा आएगी तो अपराधियों पर लगाम कसी जाएगी।’
रंगदारी के बाद हो रही हत्या
हुकुम सिंह ने कहा, ‘कैराना और कांधला कस्बों से अपराधियों के आतंक से पलायन करने वाले परिवारों की सूची मैं प्रशासन और राज्य सरकार को दी थी। राज्य सरकार और प्रशासन ने आतंक का पर्याय बने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के सार्थक कदम नहीं उठाए। राज्य सरकार और प्रशासन ने पुलिस का दबाव बनाकर बनावटी लोगों को पेश कराया। इससे हालात ज्यादा भायावह हुए है।
कैराना में आतंक बरपाने को अपराधियों ने हर हथकंडा अपनाया। रंगदारी वसूलने की राह पर आतंक बरपाने को व्यापारियों को चिठ्ठी भेजी गई। धमकाने के बाद भी व्यापारी अपराधियों से नहीं डरे तब फिल्मी अंदाज में कई व्यापारियों को गोलियों से भूना गया। भय और आतंक की इंतहा हो गई तभी मैंने इस मुद्दे को उठाया था। पलायन से अब कई अन्य जनपद भी अछूते नहीं है
अागे की स्लाइड में पढ़ें कैरान मामले में आईजी से मिला था प्रतिनिधि मंडल ...
आईजी से मिला प्रतिनिधिमंडल
भाजपा सांसदों का प्रतिनिधिमंडल सांसद हुकुम सिंह के नेतृत्व में गुरुवार को पुलिस महानिरीक्षक अजय आनंद से उनके कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल में सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राघव लखनपाल, डॉ. यशवंत सिंह, डॉ. सत्यपाल सिंह, विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल, रविंद्र भड़ाना, महानगर अध्यक्ष करूणेश, नंदन गर्ग, जिलाध्यक्ष शिवकुमार राणा, पूर्व क्षेत्रीय मंत्री सतेंद्र भराला के अलावा सोमेंद्र तोमर भी शामिल रहे। लगभग 3 मिनट तक आईजी से वार्ता करने के बाद सांसदों का काफिला सर्किट हाउस पहुंचा।
आईजी के सामने जताई चिंता
पत्रकारों से बातचीत के दौरान सांसद हुकुम सिंह ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रही है। मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर सहित सभी जनपदों में हालात भयावह है। जनप्रतिनिधि होने के नाते जनता को सुरक्षा दिलाना उसका फर्ज है। भाजपा सांसदों ने आईजी को इन हालात से अवगत कराया है। उन्होंने आईजी के सामने अपनी चिंता का इजहार किया। आईजी ने अपराधियों के खिलाफ उचित कार्रवाई कराने का भरोसा दिलाया।
आगे की स्लाइड में पढ़ें तीन तलाक पर मौलाना तौकीर रजा का विवादित बयान...
विवादित बयान
-मिल्लत काउंसिल का सामाजिक एकता सम्मेलन उस समय विवादों में घिर गया, जब इसके आयोजक और ऑल इंडिया इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने विवादित बयान दे डाला।
-तीन तलाक और समान नागरिक संहिता पर जारी विवाद में मौलाना तौकीर रजा के इस विवादित बयान ने आग में घी का काम किया है।
-मौलाना तौकीर ने कहा कि तुम्हारे यहां भी एक औरत के पांच शौहर होते हैं। लेकिन हमने कभी इसे गलत नहीं कहा।
-मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष मौलाना तौकीर यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि पांच शौहर वाली औरत को यह भी पता नहीं होता कि उसके बच्चे का बाप कौन है।
-मौलाना ने कहा कि हमने ऐसा कई जगह देखा है।
तौकीर रजा ने चेतावनी दी कि अगर तुम हमारे मामलात में दखल दोगे, तो हम तुम्हारे मामलात में भी दखल देंगे।
सरकार पर आरोप
-हालांकि बाद में तौकीर रजा ने अपनी बात को संभालते हुए कहा कि मैं यह चाहता हूं कि अगर मस्जिद में अजान हो तो मंदिरों में भी गायत्री मंत्र पढ़े जाएं।
-मस्जिद हो या मंदिर, अगर इन्हें तोड़ा गया तो दुनिया भर में हिंदुस्तान का सिर शर्म से नीचा होगा।
-समान नागरिक संहिता को लेकर मौलाना ने कहा कि इसे लागू करने से समस्याएं बढ़ेंगी।
-उन्होंने सवाल उठाया कि क्या जिनके निकाह हो चुके हैं, उन्हें फेरे लेने होंगे या फिर जिनके फेरे हो चुके हैं, उन्हें निकाह पढ़ना पड़ेगा?
-इत्तेहाद ए मिल्लत काउंसिल के अध्यक्ष ने कहा कि हुकूमत का मकसद दोनों सम्प्रदाय के लोगों को आपस में उलझाना है।
-उन्होंने कहा कि तीन तलाक का विवाद भी इसी वजह से खड़ा किया गया है।