Newstrack.com की पड़ताल- नहीं घटा शिक्षा का बजट, राहुल के निशाने पर आए थे योगी

यूपी में सत्‍तासीन योगी सरकार ने हाल ही में प्रदेश के लिए अपना बजट सदन में पेश किया। बजट पेश होते ही इस पर बहस और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया।

Update: 2017-07-16 12:48 GMT
Newstrack.com की पड़ताल- नहीं घटा शिक्षा का बजट, राहुल के निशाने पर आए थे योगी

लखनऊ: यूपी में सत्‍तासीन योगी सरकार ने हाल ही में प्रदेश के लिए अपना बजट सदन में पेश किया। बजट पेश होते ही इस पर बहस और चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। इसी के साथ सोशल मीडिया से लेकर कई जगह यूपी में शिक्षा के बजट की कटौती की खबरें वायरल होने लगीं।

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कहा जाने लगा कि योगी सरकार ने शिक्षा के बजट में 90 प्रतिशत तक कटौती कर दी है। ये मुद्दा इतना बढ़ गया कि राहुल गांधी के ऑफिशियल टिवटर हैंडल पर बकायदा ट्वीट करके एक खबर के लिंक को साझा करते हुए योगी सरकार पर कटाक्ष किया गया कि आप प्रदेश के अस्‍पतालों को बंद करके भी और ज्‍यादा बचत कर सकते हैं।



इस पर newstrack.com/अपना भारत ने अपनी पड़ताल की और पाया कि योगी सरकार द्वारा पेश शिक्षा के बजट के आंकडों के साथ बाजीगरी करके इसमें 90 प्रतिशत तक की कटौती बताई जा रही है।

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62 हजार करोड़ का है शिक्षा का इस साल का बजट

योगी सरकार द्वारा जो बजट पेश किया गया वह 62 हजार 185 करोड़ का है। इसमें प्राथमिक, माध्‍यमिक और उच्‍च शिक्षा शामिल है। इस लिहाज से पिछले साल के 49 हजार 607 करोड़ के बजट के सापेक्ष 25.4 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 62 हजार 185 करोड़ का बजट जारी किया। इसके अंतर्गत उत्‍तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित विदयालयों में अध्‍ययनरत कक्षा 1 से 8 तक के छात्र छात्राओं को नि: शुल्‍क 1 जोड़ी जूता, 2 जोड़ी मोजा और एक स्‍वेटर उपलब्‍ध कराने के लिए 300 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है।

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इसके अलावा प‍ंडित दीन दयाल उपाध्‍याय राजकीय मॉडल इंटर कालेज के लिए 25 करोड़, प्रदेश के सभी कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज में फ्री वाई-फाई की सुविधा उपलब्‍ध कराने के लिए 50 करोड़, अहिल्‍याबाई कन्‍या नि:शुल्‍क शिक्षा योजना के अंतर्गत ग्रेजुएट स्‍तर तक नि:शुल्‍क शिक्षा प्रदान करने के लिए 21 करोड़ 12 लाख, स्‍कूल बैग के लिए 100 करोड़, पाठ्य पुस्‍तक आदि के लिए 123 करोड़ 96 लाख, पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं की पूर्व दशम छात्रवृत्ति के लिए 142 करोड़, शुल्‍क प्रतिपूर्ति के लिए 1,061 करोड 32 लाख, अल्‍पसंख्‍यक समुदाय के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति योजना एवं शुल्‍क प्रतिपूर्ति के लिए 941 करोड 83 लाख सहित कई योजनाएं शामिल हैं।

बजट को 90 प्रतिशत कम करने की फैल रही खबरें

सोशल मीडिया से लेकर कई जगह पर यह खबर फैल रही है कि योगी सरकार ने प्रदेश में शिक्षा के बजट को 90 प्रतिशत कम कर दिया है। कहा जा रहा है कि सेकेंडरी एजूकेशन के बजट के पिछले साल के 9 हजार 990 करोड़ के बजट को 576 करोड़ कर दिया गया है। उच्‍च शिक्षा के 2 हजार 742 करोड़ के बजट को 272.77 करोड़ कर दिया गया है।

हालांकि, बेसिक शिक्षा के बजट में वृद्धि दिखाते हुए इसे 5,876 करोड़ से 21 हजार 499 करोड़ करने की खबरें चल रही हैं। जबकि सच्‍चाई ये है कि इस साल बेसिक शिक्षा के बजट में 31.7 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 50 हजार 142 करोड़ का बजट आवंटन हुआ है।

ऐसे ही माध्‍यमिक शिक्षा में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि और उच्‍च शिक्षा में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि कहीं किसी स्‍तर पर आकंड़ों में चूक के चलते ही सोशल मीडिया पर शिक्षा के बजट को 90 प्रतिशत तक कम करने की खबरें वायरल हो रही हैं।

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सीएम योगी और मंत्री ने कहा था- 'शिक्षा ही है हमारी प्राथमिकता'

सीएम योगी आदित्‍यनाथ और वित्‍त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट प्रस्‍तुत करते हुए अपनी सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं थीं। जिसमें शिक्षा को टॉप प्रायाॅरिटी पर रखा गया है। इस साल के बजट आंकडे भी इस ओर इशारा कर रहे हैं। इसके बावजूद बजटीय आंकड़ों को तोड़-मरोडकर सोशल मीडिया में वायरल किया गया।

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