Covishield Side Effects: कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद हुई बेटियों की मौत, सीरम इंस्टीट्यूट पर होगा मुकदमा

Covishield Side Effects: मई 2021 में कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई जिसके सात दिन बाद उसे तेज बुखार आया। बाद में उसके मस्तिष्क के रक्त में थक्के जमे होने की बात सामने आई और दो सप्ताह में उसकी मौत हो गई।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2024-05-02 16:21 IST

कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद हुई बेटियों की मौत, सीरम इंस्टीट्यूट पर होगा मुकदमा: Photo- Social Media

Covishield Side Effects: कोरोना की वैक्सीन "कोविशील्ड" बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। कोविशील्ड वैक्सीन लगाने के बाद अपनी बेटियां खोने वाले दो परिवार कंपनी पर मुकदमे की तैयारी कर रहे हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीड़ित परिवारों में 18 वर्षीय रितिका श्रीओमत्री और करुण्या का परिवार है। रितिका 2021 में 12वीं पास होने के बाद आर्किटेक्चर की पढ़ाई कर रही थीं। उनको मई 2021 में कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई जिसके सात दिन बाद उसे तेज बुखार आया। बाद में उसके मस्तिष्क के रक्त में थक्के जमे होने की बात सामने आई और दो सप्ताह में उसकी मौत हो गई। एमआरआई में सामने आया कि रितिका को ब्रेन में क्लोटिंग हुई और उसे ब्रेन हेमरेज हो गया था। मौत का सही कारण जानने के लिए दिसंबर 2021 में आरटीआई के जरिए पता चला कि बेटी को थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हुआ था।

टीका लेने के एक महीने बाद मौत

इसी प्रकार वेणुगोपाल गोविंदन की बेटी करुण्या की जुलाई, 2021 में टीका लेने के एक महीने बाद मौत हुई। करुण्या की मौत मामले में परिवार की शिकायत पर सरकार ने राष्ट्रीय समिति का गठन किया था। समिति ने निष्कर्ष निकाला था कि इसके पर्याप्त सबूत नहीं मिले कि करुण्या की मौत का कारण वैक्सीन है। अब गोविंदन ने मुआवजे और अपनी बेटी की मौत की जांच के लिए स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड की नियुक्ति की मांग करते हुए एक रिट याचिका दायर की है। अब ये दोनों पीड़ित परिवार सीरम इंस्टीट्यूट पर मुकदमा दायर करेंगे।

एक और परिवार की भी ऐसी ही कहानी सामने आई है। 18 साल की श्री ओमत्री की मई 2021 में मौत हो गई थी। परिवार के मुताबिक, रितिका ने मई में कोवीशील्ड की पहली डोज लगवाई थी।

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क्या है मामला

कोविशील्ड बनाने वाली ब्रिटेन की कंपनी एस्ट्राजेनेका ने एक कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसकी वैक्सीन से थ्रोम्बोसिस विथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हो सकता है। ये एक गंभीर अवस्था है जिसमें शरीर में खून के थक्के बनने लगते हैं और प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है। भारत में इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कोविशील्ड नाम से बनाया है और इसकी करीब 175 करोड़ खुराक दी जा चुकी है। सुरक्षा चिंताओं के कारण एस्ट्राज़ेनेका-ऑक्सफ़ोर्ड वैक्सीन अब यूके में नहीं दी जाती है। 

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