BRD मेडिकल कॉलेज: फिर हुई 49 मौतें, प्रिंसिपल बोले- डॉक्टर-नर्स की है कमी
गौरव त्रिपाठी
गोरखपुर: गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में मासूमों की मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर बीते चार दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो 49 मौतों की भयावह तस्वीर सामने आई है। इन आंकड़ों पर जब बीआरडी कॉलेज के प्राचार्य से पूछा गया तो उन्होंने इसकी वजह डॉक्टरों, ट्रेंड नर्स और सफाई कर्मचारियों की कमी बताया। प्रदेश की योगी सरकार और उनके स्वास्थ्य मंत्री भले ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लाख दावे करते हों, लेकिन इस सच्चाई से वो किस तरह अपना बचाव करेंगे, अब ये देखने वाली बात होगी।
गौरतलब है कि बीते अगस्त महीने में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 48 घंटे में 60 मौतें हुई थीं। इसके बाद राजनीतिक हलके में इस मामले ने खूब सुर्खियां बटोरी थी।
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ये है चार दिनों में मौतों का आंकड़ा
बीआरडी के प्राचार्य डॉ. पीके सिंह के अनुसार दिनांक 23 अक्टूबर को पीआईसीयू में 8 और एनआईसीयू में 7 यानि कुल 15 मौतें, 24 अक्टूबर को पीआईसीयू में 8 और एनआईसीयू में 3 यानि कुल 11 मौतें, 25 अक्टूबर को पीआईसीयू में 8 और एनआईसीयू में 5 अर्थात कुल 13 मौतें जबकि 26 अक्टूबर को पीआईसीयू में 7 और एनआईसीयू में 3 यानि कुल 10 मौतें हुई। यानी 4 दिनों में अब तक कुल 49 मौतें हुई हैं।
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मौत के ये आंकड़े हर साल से कम हैं
newstrack.com के रिपोर्टर ने जब इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल से वजह जानना चाहा तो उन्होंने कहा, इसके बारे में अपने उच्चाधिकारियों को लिखा है। क्या-क्या कमियां हैं इस बारे में जानकारी दी है। प्रिंसिपल ने साथ में ये भी कहा, 'मौत के ये आंकड़े हर साल से कम हैं।'
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ले सकता है राजनीतिक रंग
बीआरडी में मौतों के इस आकंड़े का राजनीतिक रंग लेना तय माना जा रहा है। पिछली बार भी मौतों पर विभिन्न पार्टियों ने जमकर राजनीतिक रोटियां सेंकी थी। इसकी एक खास वजह ये भी है कि यह मेडिकल कॉलेज सीएम के गृह जिले में है। इसलिए सियासी मायने भी बढ़ जाते हैं। यहां एक चिंगारी भी बड़ा भूचाल ला देती है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा ये कहा जाना कि यहां सफाई कर्मचारी-डॉक्टरों आदि की कमी है मौजूदा सरकार की कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा करती है।
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