लखनऊ: संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' को सुप्रीम कोर्ट से गुरुवार (18 जनवरी) को राहत मिली है। चार राज्यों के इस फिल्म पर प्रतिबंध को कोर्ट ने असंवैधानिक बताया है। लेकिन इसका विरोध कर रही करणी सेना ने देश के सर्वोच्च नयायालय के आदेश को धता बताते हुए कहा, कि 'अगर सिनेमा मालिक अपने सिनेमा घर की खैरियत चाहते हैं तो हमसे पूछकर ही फिल्म दिखाएं।' सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को कानून व्यवस्था संभालने को कहा है।
करणी सेना के अध्यक्ष लोकेंद्र सिंह कलवी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट फिल्म पर लगे बैन को हटा सकती है लेकिन सिनेमा हॉल मालिक हमसे पूछकर ही फिल्म चलाएंगे।' कलवी ने दावा किया कि उनके पास राजस्थान के सिनेमा हॉल मालिकों का लिखित पत्र है जिसमें उन्होंने भरोसा दिलाया था कि कऱणी सेना की अनुमति से ही फिल्म पद्मावत चलाएंगे। कलवी ने यह भी दावा किया कि हर हाल में पद्मावत की स्क्रीनिंग रोकी जाएगी। हालांकि, इसकी स्क्रीनिंग रोकने का कोई ठोस कारण उन्होंने नहीं बताया।
ये भी पढ़ें ...पद्मावत पर कोर्ट का ‘सुप्रीम’ फैसला, राज्यों का फिल्म पर बैन संवैधानिक नहीं
राजे ने बुलाई आपात बैठक
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने पद्मावत पर सरकार के अगले कदम पर विचार के लिए आपात बैठक बुलाई। राजस्थान पहला राज्य है जिसने फिल्म के खिलाफ नोटिफिकेशन जारी किया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजस्थान सरकार ने कहा है कि हमारे पास भी कुछ संवैधानिक अधिकार हैं। गुरुवार को राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हम अफसरों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
हमारा पक्ष सुने बिना फैसला दिया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, 'अदालत ने हमारा पक्ष सुने बिना फैसला दिया। हम इस फैसले को रिव्यू करने के बाद जहां भी संभव होगा अपील करेंगे।'
ये भी पढ़ें ...‘पद्मावत’ को श्रीश्री की हरी झंडी, कहा- यह फिल्म अद्भुत है, इस पर हमें गर्व है
डबल बेंच में देंगे चुनौती
इस बीच, राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी ने कहा, कि 'सुप्रीम कोर्ट के फैसले को डबल बेंच में चुनौती दी जाएगी। इसके लिए करणी सेना के वकील सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे। हमारे प्रतिनिधि राष्ट्रपति से भी मिलकर फिल्म पर बैन लगाने की मांग करेंगे।'
प्रवक्ताओं को कुछ भी बोलने की मनाही
दूसरी तरफ, पद्मावत मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी ने अपने प्रवक्ताओं को कुछ भी बोलने से मना किया है। फिल्म को लेकर कांग्रेस में अलग-अलग राय है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे नेताओं ने पद्मावत में ऐतिहासिक छेड़छाड़ पर फिल्म का प्रदर्शन रोकने की बात कही थी। वहीं कई नेताओं ने फिल्म का समर्थन किया था। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसी तरह के विवाद से बचने के लिए कांग्रेस की ओर से प्रवक्ताओं को कोई टिप्पणी करने से मना किया है।