अखिलेश-डिंपल की बेहद करीबी पंखुड़ी पाठक ने भी छोड़ा साथ, समाजवादी पार्टी से इस्तीफा

समाजवादी पार्टी में मची कुनबे की कलह और विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद एक-एक कर अखिलेश यादव के सारथी साइकिल की सवारी छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार (29 अप्रैल) को पंखुड़ी पाठक ने भी समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पंखुड़ी ने अपने फेसबुक वाॅल पर इसकी घोषणा की।

Update: 2017-04-29 10:54 GMT
अखिलेश-डिंपल की बेहद करीबी पंखुड़ी पाठक ने भी छोड़ा साथ, दिया पार्टी से इस्तीफा

लखनऊ: समाजवादी पार्टी में मची कुनबे की कलह और विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद एक-एक कर अखिलेश यादव के सारथी साइकिल की सवारी छोड़ रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार (29 अप्रैल) को पंखुड़ी पाठक ने भी समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पंखुड़ी ने अपने फेसबुक वाॅल पर इसकी घोषणा की।

गौरतलब है कि पंखुड़ी ने विधानसभा चुनाव से पहले ही समाजवादी पार्टी के मीडिया प्रवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया था पंखुड़ी पूर्व सीएम अखिलेश यादव और डिंपल यादव की बेहद करीबी मानी जाती थीं।

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बता दें कि समाजवादी पार्टी महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. श्वेता सिंह ने भी 04 अप्रैल को अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। विधानसभा चुनाव में सपा ने डॉ. श्वेता को लखनऊ पूर्वी सीट से मैदान में उतारा था। हालांकि इसके बाद उनका टिकट काटकर अनुराग भदौरिया को टिकट दे दिया गया था। डॉ. श्वेता सिंह स्टेट वीमेन कमीशन की मेंबर भी थीं।

 

अगली स्लाइड में जानिए पंखुड़ी पाठक ने अपने एफबी वाॅल पर क्या लिखा ...

पंखुड़ी ने अपने एफबी वाॅल पर लिखा

बहुत भारी दिल से मुझे यह घोषणा करनी पड़ रही है कि मैं आधिकारिक तौर पर समाजवादी पार्टी छोड़ रही हूं। यह मेरे जीवन का सबसे कठिन निर्णय है क्योंकि मेरी पार्टी मेरे परिवार की तरह ही मेरे लिए प्रिय है।

मैं अखिलेश यादव का बहुत सम्मान करती हूं। मुझे लगता है कि आज वह देश के सबसे अच्छे नेताओं में से एक है। मैं अखिलेश यादव और समाजवादी परी को तहे से दिल सफलता की शुभकामनाएं देती हूं।

पंखुड़ी ने लिखा कि मैं समाजवादी पार्टी से पिछले 7 साल से जुडी हूं जब मैने पार्टी ज्वाइन की थी उस समय मेरी उम्र 18 साल थी। इतने सालों में सभी मैंने अपनी पार्टी के अलावा कुछ भी नहीं सोचा।

मैंने इसके लिए कई करियर के अवसरों को छोड़ दिया। इसलिए मुझे आशा है कि सभी मेरे फैसले की गंभीरता को समझ सकते हैं। 2017 विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद से एक विशेष समुदाय के लोग मेरे खिलाफ 'हेट कैंपेन' चला रहे हैं।

इसकी वजह मेरी लिंग और जाति है। ऐसे कई लोग हैं जो सोचते हैं कि एक ब्राह्मण महिला पार्टी का अपमान है। कई दिनों से मैं इस 'हेट कैंपेन' को नजरअंदाज कर रही हूं पर उत्पीड़न का स्तर ऐसा है कि मैं इसे और नहीं सह सकती। मैं यह अच्छी तरह समझ सकती हूं कि इसका कारण मेरी कास्ट और जेंडर है। ऐसे कई लोग हैं जो सोचते हैं कि एक ब्राह्मण महिला पार्टी का अपमान है।

मैं समझती हूं कि आप में से बहुत से लोग मुझे मुश्किल से लड़ने के लिए दोषी नहीं ठहराएंगे, लेकिन मेरी प्राथमिकताएं सही हैं। किसी भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा की तुलना में एक महिला के रूप में मेरी गरिमा और आत्म सम्मान मेरे लिए अधिक महत्वपूर्ण है। सबसे ज्यादा कष्टदायक यह है कि पार्टी नेतृत्व मेरे समर्थन में नहीं आया।

मैं हमेशा मानती हूं कि समाजवादी पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो सभी समुदायों और समाज के सभी वर्गों से जुड़ी है। हालांकि यह विश्वास अब मजबूत नहीं है।

मैं सामाजिक कारणों के लिए काम करना जारी रखूंगी और हमेशा इस देश के महत्वपूर्ण मुद्दों के बारे में आवाज उठाऊंगी। इसके साथ ही मैं यह बहुत स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि मैं कभी भी अपने जीवन में बीजेपी या उसके किसी सहयोगी दल में शामिल नहीं होंगी।

पंखुड़ी ने लिखा कि मैं पार्टी के सभी लोगों का शुक्रिया अदा करना चाहती हूं। मुझे उम्मीद है कि जो लोग मुझे बाहर ले जाना चाहते हैं, वे अब संतुष्ट होंगे।

मेरे खिलाफ अपने अपमानजनक अभियान को रोक देंगे। यह निर्णय अधिक दर्दनाक है। खुद का बहुत बड़ा हिस्सा खोने की तरह है।

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