PM ने खुद को बताया मजदूर नंबर-1, कहा- दुनिया को जोड़ेगा पसीना केमिकल

Update:2016-05-01 08:27 IST

बलिया: पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को यूपी के बलिया से उज्ज्वला योजना की शुरुआत की। इसके तहत देश में पांच करोड़ बीपीएल महिलाओं को तीन साल के भीतर फ्री रसोई गैस सिलेंडर दिया जाएगा। पीएम ने लेबर डे पर अपनी सरकार की योजनाओं को गिनवाते हुए खुद को देश का नंबर वन मजदूर बताया।

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लॉन्चिंग पर क्या बोले मोदी ?

-देश के लिए जीने-मरने वाले लोग बलिया की धरती ने दिए हैं। यहां से भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर का भी नाम जुड़ा हुआ है।

-बलिया की धरती का सीधा नाता बाबू जयप्रकाश नारायण के साथ जुड़ता है।

-एक से बढ़कर एक दिग्गज जिस धरती से दिए, मैं उसे नमन करता हूं।

-आप मुझे जितना प्यार देते हैं, मेेरे ऊपर उसका कर्ज चढ़ता जाता है।

-मैं इस प्यार वाले कर्ज को ब्याज समेत चुकाने का संकल्प लेकर काम कर रहा हूं।

-मैं इस कर्ज को देश का विकास करके चुकाऊंगा।

मजदूर का पसीना जोड़ सकता है दुनिया

-आज पूरा विश्व मजदूर दिवस मना रहा है।

-आज देश का यह मजदूर नंबर एक देश के सभी श्रमिकों को, उनकी मेहनत को, राष्ट्र को आगे बढ़ाने में उनके अविरत योगदान के लिए उनका अभिनंदन करता है।

-21वीं सदी का मंत्र होना चाहिए, विश्व के मजदूरों आओ हम दुनिया को एक करें और दुनिया को जोड़ दें।

-दुनिया को जोड़ने के लिए अगर कोई केमिकल है तो वो है मजदूर का पसीना। पीएम बनने के बाद मैंने अपने पहले भाषण में कहा था कि मेरी सरकार गरीबों को समर्पित है।

-मेरी सरकार जो भी करेगी वो गरीबों के लिए भलाई के लिए करेगी।

मजदूरों के लिए कई लिए किए काम

-हमारे देश में 30 लाख से ज्यादा श्रमिक ऐसे थे, जिन्हें महीने के 15 रुपए, 100 रुपए, 50 रुपए पेंशन मिलती थी।

-बीजेपी की सरकार बनने के बाद इन श्रमिकों की पेंशन बढ़ाकर एक हजार रुपए कर दी गई।

-श्रम सुविधा पोर्टल चालू किया, जिसके तहत 8 अहम श्रम कानून को इकट्ठा करके उनका सरलीकरण किया।

-पहली बार देश के श्रमिकों को एक लेबर आईडेंटिटी नंबर दिया। ताकि हमारे श्रमिक की पहचान बन जाए।

-हमारे देश के श्रमिकों को देश में अपॉरच्यूनिटी मिले, इसके लिए ncsp (नेशनल कैरियर सर्विस पोर्टल) शुरू किया।

-बोनस की कम से कम इनकम 10 हजार से बढ़ाकर 21 हजार रुपए कर दी गई।

-बोनस 3,500 रुपए से बढ़ाकर 7,000 रुपए कर दिया गया।

-देश में 4 करोड़ से ज्यादा मजदूर कंस्ट्रक्शन के काम में हैं। श्रमिक कानून में बदलाव करके जिंदगी को बेहतर बनाने का प्रयास किया है।

जब हिला था हिंदुस्तान

-पिछली सरकार गरीबों को गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए तैयार नहीं कर पाई।

-गाजीपुर के सांसद ने नेहरू के जमाने में पूरे हिंदुस्तान को हिला दिया था।

-जब उन्होंने संसद में कहा कि पूर्वी उत्तर-प्रदेश के भाई-बहन ऐसी गरीबी में जी रहे हैं कि उनके पास खाने के लिए अन्न नहीं होता है।

-पशु के गोबर को धोते हैं और उसने से जो दाने निकलकते हैं उससे अपना गुजारा करते हैं।

-यह बात सुनकर पूरा हिंदुस्तान हिल गया था। इसके बाद पटेल कमीशन बैठा था, जिसमें हालात सुधारने के लिए कई सुझाव 50 साल पहले दिए गए थे।

सब्सिडी छोड़ने वालों के लिए तालियां

-मैं उन 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा परिवारों को सिर झुकाकर नमन करना चाहता हूं, जिन्होंने रसोई गैस की सब्सिडी छोड़ दी।

-एक साल के अंदर मेरे देश के लोगों ने सरकार से भी एक कदम आगे बढ़कर इस अच्छे काम में साथ दिया।

-यह परिवार जहां भी बैठे होंगे, तालियों की गूंज उन तक जरूर पहुंच रही होगी और वो गर्व महसूस कर रहे होंगे।

-1955 से रसोई गैस देने का काम चल रहा है। इतने सालों में सिर्फ 13 करोड़ परिवारों को रसोई गैस मिली।

चुनावी बिगुल नहीं है

-मेरी सरकार ने एक साल में 3 करोड़ से ज्यादा परिवारों को गैस सिलेंडर दे दिया।

-मैं बलिया से यूपी में चुनावी बिगुल बजाने नहीं आया हूं। बिगुल तो मतदाता बजाते हैं।

-कुछ लोगों का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं होता, लेकिन फिर राजनीति करने से बाज नहीं आते।

-मैंने इस योजना के लिए बलिया को इसलिए चुना, क्योंकि उत्तर प्रदेश के हर जिले में रसोई गैस का जो औसत है, वो बलिया में सबसे कम है।

यह ऐसा इलाका है, जहां गरीबी की रेखा के नीचे जीने वाले 100 में से 8 परिवारों के घर में रसोई गैस जाती है।

-हरियाणा में 'बेटी बचाओ' अभियान इसलिए शुरू किया, क्योंकि वहां लड़कों का अनुपात ज्यादा था।

-अगर पूर्वी हिंदुस्तान, पश्चिमी हिंदुस्तान की बराबरी कर ले तो देश में गरीबी खत्म हो जाएगी।

मैं जानता हूं मां को कितना कष्ट होता है

-2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती होगी, तो 5 करोड़ परिवारों तक रसोई गैस पहुंच चुकी होगी।

-लकड़ी के चूल्हे पर खाना बनाते वक्त एक दिन में महिलाओं के अंदर 400 सिगरेट का धुंआ चला जाता है।

-बच्चों से धुएं का शिकार हो जाते हैं। धुएं के बीच ही खाना खाना पड़ता है।

-मेरा जन्म एक बहुत ही गरीब घर में हुआ था। उसमें कोई खिड़की नहीं थी। सिर्फ आने-जाने के लिए एक दरवाजा था।

-मैंने भी वो दिन देखें हैं, जब मेरी मां लकड़ी के चूल्हे पर मुश्किल से खाना बनाती थी।

-कभी-कभी धुंआ इतना होता था कि खाना परोसते वक्त मां का चेहरा भी नहीं दिखता था।

-मैं देश की हर गरीब मां को इस धुएं से आजाद कराना चाहता हूं।

-रसोई गैस से अब खर्चा भी कम होगा और दवाई पर भी पैसा नहीं खर्च

-गैस की सब्सिडी भी महिलाओं के नाम पर दी जाएगी। उनका जो प्रधानमंत्री जनधन अकाउंट है, उसी में सब्सिडी जमा होगी।

-ताकि पैसे किसी और हाथ के न लग जाएं।

यूपी ने पीएम दिए, नहीं हुआ विकास

-यूपी से इतने पीएम हुए लेकिन विकास नहीं।

-पिछली किसी भी सरकार ने उत्तर प्रदेश के विकास के जितना काम नहीं किया होगा, उतनी धनराशि केंद्र सरकार यहां लगा रही है।

-हम चाहते हैं कि देश को आगे बढ़ाने के लिए हमारे जो गरीब राज्य हैं, वो तेजी से तरक्की करें।

गंगा सफाई का अभियान जन भागीदारी से सफल होगा। बलिया तो मां गंगा और सरयू के तट पर है।

-गरीबी हटाने के नारे कई दिए गए, वादे कई किए गए, योजनाएं ढेर सारी बनीं।

-हर योजना गरीब के घर को देखकर नहीं, बल्कि मतपेटियों को देखकर बनाई गईं।

-गरीबों को साधन देकर उन्हें गरीबी को हराने के लिए मजूबत करना होगा। उसके घर में बिजली, पानी, शौचालय हो तभी वह गरीबी के खिलाफ लड़ सकेगा।

-आजादी के 60 सालों बाद भी 18 हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंची, हम एक हजार दिन में इन सभी गांवों में बिजली पहुंचा देंगे। रोज का हिसाब देता हूं देशवासियों को।

-मुझे गर्व है कि यूपी ने मुझे अपनाया है 1529 गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं थी। औसत एक दिन में तीन गांवों में बिजली पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

भोजपुरी में बोले मोदी

भाषण की शुरुआत करते हुए मोदी ने कहा- भृगू बाबा की धरती पर रौआ सभन के प्रणाम। इ धरती त साक्षात मृगू जी की धरती रहल। ब्रह्मा जी भी एही जमीन पर उतरल रहल। राम जी यहीं से ऋषि विश्वामित्र के साथे गईल। सुंदर धरती पर सभी के हाथ जोड़ के प्रणाम।

नीचे पढ़िए, पीएम मोदी का ट्वीट...

नेताओं-मंत्रियों का जमावड़ा

प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रदेश महामंत्री (संगठन), सुनील बंसल, रामेश्वर चौरसिया, स्वतंत्र देव सिंह और राष्ट्रीय मंत्री महेंद्र सिंह बलिया पहुंचे।

शहरभर में लगीं कई स्क्रीन

बीजेपी प्रवक्ता मनोज मिश्र ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण करने के लिए अलग व्यवस्था की गई है। शहर में कई स्क्रीन लगाए जाएंगे, जहां से पीएम के भाषण को सुना और देखा जा सकता है।

राजधानी के चौराहों पर भी लगीं ऐसी स्क्रीन

लखनऊ में भी विधानसभा, पॉलीटेक्निक चौराहा, 1090 चैराहा, रेलवे स्टेशन और कपूरथला में ऐसे ही स्क्रीन लगाए गए।

शहर की सभी मूर्तियों की हुई सफाई

-मोदी के बलिया आगमन के पहले ही बीजेपी नेताओं ने शहर की सभी प्रमुख मूर्तियों की सफाई की।

-इसमें प्रमुख रूप से मंगल पांडेय की मूर्ति की सफाई की गई।

-इन मूर्तियों की सफाई के बाद बीजेपी नेताओं ने श्रद्धाजंलि अर्पित की।

क्या है उज्ज्वला योजना ?

इस योजना के तहत केंद्र सरकार ग्रामीण इलाकों में रहने वाली गरीब तबके की 5 करोड़ महिलाओं को आने वाले 3 सालों के दौरान मुफ्त में गैस सिलिंडर मुहैया कराने जा रही है। ऐसे परिवारों की संख्या करीब 70 करोड़ है, जो आज भी पारंपरिक चूल्हे में उपले और लकड़ी का उपयोग कर खाना बनाने को मजबूर हैं। भारत में खाना पकाने के दौरान धुंआ की वजह से साल में 9 लाख से भी ज्यादा महिलाएं कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाती हैं। एलपीजी गैस के इस्तेमाल से इस तरह होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।

भारत सरकार ने जो Give It Up योजना की शुरूआत की, उसे मीडिल क्लास का साथ मिला। इससे जो पैसे बचे, उससे गरीबी रेखा के नीचे जिंदगी बिताने वाले परिवारों को ये एलपीजी गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। बता दें कि Give It Up योजना के तहत 1 करोड़ से भी ज्यादा लोगों ने सब्सिडी छोड़ी है।

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